राज्यमंत्री श्री कावरे ने गांगुलपारा में लगाया जनता दरबार कहा समस्या का होगा समाधान
बालाघट (देवेंद्र खरे) - मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन विभाग श्री रामकिशोर “नानो’’ कावरे ने आज 18 जुलाई को गांगुलपारा जलाशय के निरीक्षण के बाद गांगुलपारा में ईको पर्यटन बोर्ड द्वारा तैयार किये गये स्थल पर जनता दरबार लगाया और क्षेत्रीय ग्रामीणों से विकास के बारे में चर्चा की और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान बालाघाट वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक श्री एन के सनोडिया, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह, वन मंडलाधिकारी श्री अनुराग कुमार, श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव, सिंचाई विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री एस एस गहरवार, कार्यपालन यंत्री श्री प्रदीप गांधी, उप संचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मछली फीड तैयार करने वाले प्लांट का प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश
राज्यमंत्री श्री कावरे ने जनता दरबार में अधिकारियों एवं ग्रामीणों से कहा कि गांगुलपारा जलाशय मत्स्य पालन के साथ ही पर्यटन के लिए भी विकसित किया जाये। इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगें। सुरवाही की मछुआ समिति को मतस्य पालन के लिए किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए उन्हें शासन की योजनाओं के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराया जाये। समिति को मोटर बोट उपलब्ध कराने के लिए वे स्वयं प्रयास करेंगें। उन्होंने कहा कि बालाघाट जिला मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश का अग्रणी जिला है, लेकिन यहां के मछुआरों को मछलियों के लिए आहार कोलकाता, अहमदाबाद या छत्तीसगढ़ राज्य से लेकर आना पड़ता है। मछलियों का आहार तैयार करने की मध्यप्रदेश में एक भी ईकाई नहीं है। अत: मत्स्योद्योग विभाग को बालाघाट जिले में मछलियों के आहार (फीड) तैयार करने के लिए ईकाई तैयार करने का एक करोड़ से लेकर 5 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट शीघ्र तैयार किये जाये। विभाग द्वारा इसके लिए अनुदान भी मिलेगा। मछलियों के रखने के लिए आईस प्लाटं के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया जाये।
गांगलुपारा में लगाये गये इस जनता दरबार में उप संचालक मत्स्योद्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे ने बताया कि गांगुलपारा जलाशय में प्राथमिक मछुआ सहकारी समिति सुरवाही द्वारा जलाशय को 10 वर्ष के पट्टे पर लेकर मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। इस जलाशय में मत्स्य पालन के लिए समिति द्वारा केज कल्चर को अपनाया गया है और इसमें फंगेशियस प्रजाति की मछली का पालन किया जा रहा है। समिति द्वारा इस वर्ष एक टन से अधिक मछली का विक्रय किया जा चुका है। समिति के मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड देकर उन्हें बैंक से आटो रिक्शा के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे मछुआरे गांवों में अपना प्रचार करने के साथ ही मछलियों का विक्रय भी कर सकेगें। श्रीमती धुर्वे ने बताया कि मछलियों के आहार (फीड) तैयार करने के लिए एक करोड़, दो करोड़ एवं 5 करोड़ रुपये की लागत का प्रोजेक्ट लगाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट में सामान्य वर्ग के लोगों को 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला उद्यमी को 60 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। आईस प्लांट के लिए भी 20 लाख रुपये की लागत का प्रोजेक्ट मंजूर किया जा सकता है।
राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि गांगुलपारा के ईको पर्यटन स्थल, झरना, पक्षी दर्शन स्थल एवं जलाशय में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बुनियादी सुविधायें जुटाने की जरूरत है। टेकाड़ी गांव से झरना स्थल तक आने के लिए सड़क का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने इसके लिए जल संसाधन विभाग को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि गांगुलपारा के पर्यटक स्थल को आकर्षक एवं सुरक्षित बनाने के लिए वन विभाग के नियमों एवं निर्देशों का सभी को पालन करना होगा। झरना स्थल तक आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई गई।
राज्यमंत्री श्री कावरे ने इस दौरान ग्रामीणों से कहा कि वर्षा ऋतु के दौरान किये जाने वाले वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान दिया जाये। वृक्षारोपण में औषधीय पौधे अधिक संख्या में लगाये जाये। इसके साथ ही हमारा लगाये गये पौधों की सुरक्षा पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। पौधे लगाना केवल खाना पूर्ति न बन जाये बल्कि उसके अच्छे परिणाम आना चाहिए। इस दौरान उन्होंने ग्राम मानेगांव में सचिव की शीघ्र पदस्थापना करने के निर्देश भी दिये।
गांगुलपारा में लगाये गये इस जनता दरबार में ग्राम पंचायत धुनसुआ, पायली, मानेगांव एवं टेकाड़ी के ग्राम प्रधान एवं ग्रामीण, मछुआ सहकारी समिति सुरवाही के सदस्य उपस्थित थे। इस दौरान राज्य मंत्री श्री कावरे ने ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना और अधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करने कहा।
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