नेपानगर कॉंग्रेस की विधायक श्रीमती सुमित्रादेवी कासडेकर ने दिया इस्तीफ़ा
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है, विधायक श्रीमती सुमित्रादेवी कासडेकर ने आज विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ये कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। अब लगभग 25 से अधिक सीटो पर प्रदेश में उपचुनाव होंने है।
श्रीमती कासडेकर 2018 में पहली बार नेपानगर से जीतकर विधायक बनी थी। मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में नेपानगर सीट से बीजेपी की मंजू राजेंद्र दादू को हरा कर सुमित्रादेवी कासडेकर जीती थी। अब इसतरह विधायक के इस्तीफे के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने के पुख्ता आसार नजर आ रहे हैं। सिंधिया के कांग्रेस से बगावत के समय से ही बीजेपी नेताओं के सम्पर्क में रहने की बात भी आरही थी सामने। बताया जाता है कि उस वक्त भी श्रीमती कासडेकर कमलनाथ सरकार का साथ छोड़कर अचानक कहि गायब हो गई थी। चर्चा यह भी थी कि 20 करोड़ की लालच में उन्होंने बीजेपी का दामन थामने का मन बना लिया था..? लेकिन कांग्रेस नेताओं के भारी दबाव के बाद वे मन मारकर वापस लौट आई थीं। शायद अब मौका देखकर उन्होंने अपनी कसक पूरी कर ली।
अब नेपानगर की जनता का क्या.?
कांग्रेस पार्टी के बैनर तले विधायक बनने का सपना पूरा करवाने वाली नेपानगर की जनता श्रीमती सुमित्रा कासडेकर के इस फैसले स्तब्ध है। लोगों में एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में विधायक का इस्तीफा देने से आक्रोश साफ तौर पर देखा जा सकता है।
पिछले माह में जाली नोट की हेरा फेरी में विधायक श्रीमती कासडेकर का प्रतिनिधि पकड़ाया था। उसी समय नेपानगर की पूर्व विधायक मंजू दादू ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था। की इस प्रकार विधायक प्रतिनिधि का नाम आने से विधायक को इस्तीफा दे देना चाहिए। वही लोंगो का कहना है कि इसी वजह से भी विधायक ने पूर्व विधायक की बात को मानकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया हो।
विधायक श्रीमती सुमित्रा कासडेकर का मोबाइल स्विचऑफ
विधायक के ईस्तीफे की खबर सुनते ही कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विधायक से सम्पर्क करना चाह रहे हैं लेकिन उनका मोबाईल स्विचऑफ आरहा है।
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