ऑल इंडिया जैन पत्रकार संघ आईजा का अभिनव आयोजन, गिलोय बूटी का किया पौधारोपण | All india jain patrakar sangh aij ka abhinav ayojan

ऑल इंडिया जैन पत्रकार संघ आईजा का अभिनव आयोजन, गिलोय बूटी का किया पौधारोपण  

ऑल इंडिया जैन पत्रकार संघ आईजा का अभिनव आयोजन, गिलोय बूटी का किया पौधारोपण

जावरा (यूसुफ अली बोहरा) - ऑल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोशिएशन के आयोजन हमेशा अभिनव व प्रेरणादायक होते है। भारत भर में कोरोना के खिलाफ जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में मानवसेवा के अनूठे उदाहरण प्रस्तूत करने वालों  को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित करने का खायाल और उसका क्रियान्वयन सबसे पहले आईजा ही लेकर आया था। ऐसे ही मन्दिर आदि पवित्र स्थानों की सेवा करने वाले पुजारियों का सम्मान भी कोरोना योद्धा के रूप में हो सकता है यह आईजा ने बताया। इसी श्रंखला में कोरोना से लड़ने व व्यक्ति के शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता (हुम्युनिटी पॉवर) बढाने के लिये औषधीय बूटी गिलोय बेल का बड़ा महत्व है नीम के साथ इसकी शक्ति दस गुना बढ़ जाती है। इसी विचार को क्रियान्वित करते हुए आईजा प्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर, प्रदेश महासचिव राजकुमार हरण, प्रदेश मंत्री प्रदीप जैन, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नीलेश बरमेचा, राकेश डूंगरवाल, भावेश हरण, अंकित हरण, पत्रकार मनीष वाघेला आदि ने जावरा दादावाड़ी व गौशाला रोड़ पर नीम के वृक्षों के नीचे गिलोय बूटी का रोपण किया गया। इस दौरान आईजा सदस्यों ने गौशाला पहुँच कर गौ सेवा का लाभ भी उठाया व उन्हें चारा खिलाया। आईजा के प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर ने कहा कि सकल विश्व मे पर्यावरण में ही जीवन रूपी संगीत बसता है। पेड़-पौधों के बिना सृष्टि की कल्पना संभव नहीं है। समय रहते हम सचेत नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब हवा भी हमें खरीदना पड़ेगी। पर्यावरण को संतुलित व सुरक्षित रखना है तो पौधे लगाने होंगे। पर्यावरण की सुरक्षा हम सभी लोग की जिम्मेदारी है। इसलिए हर किसी को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है। आईजा के प्रदेश महासचिव ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महमारी से निपटने के लिये व्यक्ति को आयुर्वेद की ओर आना पड़ा है। गिलोय को अमृता कहा गया है इसलिए हमने इसका चयन कर जावरा में विभिन्न स्थानों पर इसका रोपण किया है। आईजा के प्रदेश मंत्री प्रदीप जैन ने कहा कि अनेक संगठन प्रतिवर्ष पौधारोपण तो करते ही है लेकिन उनका संरक्षण कदाचित नही हो पाता है जिससे पौधें मर जाते है। इसलिए पौधारोपण चाहे कम किये जायें पर उनका संरक्षण जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक हुण्डिया व महासचिव महावीर जैन द्वारा भी समय समय पर मार्गदर्शन मिलता रहता है व उनकी सोच जमाने के साथ ही नही दो कदम आगे चलती है जिसके कारण ही आईजा के हर सदस्य अनूठे आयोजन करते रहते है।

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