क्वारान्टीन सेंटर की स्थिति देखकर रोंगटे खड़े हो गए
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिला प्रशासन चाहे क्वारंटाइन सेंटर में लाख सुविधाओं की बात कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उसके विपरीत है। सूचना के आलोक में जब मीडिया की टीम 12:15 बजे दोपहर डिंडौरी जिला के समनापुर के सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास स्थित क्वारान्टीन सेंटर पहुंची तो वहां की स्थिति देखकर रोंगटे खड़े हो गए। क्वारान्टीन शरणार्थियों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है। इस बाबत क्वारान्टीन शरणार्थियों ने बताया कि एक तो खाना बासा दिया जाता है उसमें भी कंकड़ व पत्थर निकल रहें है, कंकड़-पत्थर तो जानवरों को भी नही परोसा जाता है। इतना ही नहीं खाना को पड़े गले पत्तलों में परोसा जाता है।
सेंटर में रह रहे शरणार्थियों ने बताया कि उन लोगों को दिन में एक बार नास्ता एवं दो बार खाना दिया जाता है नास्ता 9:00 बजे सुबह देने के तुरंत बाद एक बार 10:00 बजे सुबह और दूसरी बार रात्रि 8:00 खाना दिया जाता है लेकिन दोपहर 2:00 बजे का खाना को ही रात्रि में परोसा जाता है जिससे शरणार्थी लोग परेशान हैं ।
सुबह एवं रात्रि भोजन भर पेट नहीं मिलता इसके कारण वे लोग घंटों भूख से तड़पते रहते हैं लोगों का कहना है एक बार जो परोस दिया जाता है उसी में संतुष्ट रहना पड़ता है अगर दोबारा दाल, सब्जी की मांग करने पर नमक के साथ खाने को कहा जाता है लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है, जो खाना दिया जाता है वह बहुत ही घटिया किस्म का होता है। चावल में इतने बड़े-बड़े कंकड़ होते हैं जिन्हें खाना भी मुश्किल होता है। भोजन को सड़े-गले पत्तलों में ही परोस दिया जाता है। अधिकारियों के इस बर्ताव से उन्हें काफी आघात लगता है लेकिन विवशता के कारण वे लोग किसी से कुछ भी नहीं कह पाते। विरोध करने पर उनके साथ अन्य तरह से भी बदसलूकी किया जाता है।
क्वारान्टीन सेंटर में रह रहे शरणार्थियों ने बताया कि भोजन की गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण हम लोग सही से खाना भी नहीं खा पाते हैं और भूखे पेट दिन रात गुजारना पड़ रहा है। इससे बहुत जल्द बीमार होने की संभावना हो सकती है।
लोगों ने बताया की सोने के लिए सिर्फ बेड दिया गया है उस पर चादर नहीं है एवं हमलोगों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि जैसे हमलोगों ने कोई बहुत बड़ा पाप किया है।
खराब है मोटर, पानी के लिए भी दिक्कत
वहीं अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम क्वारान्टीन सेंटर में रह रहे शरणार्थियों ने बताया कि पिछले कई दिनों से मोटर में खराबी आने के कारण पानी की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। पानी नहीं रहने के कारण हम लोग को शौच जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, शौच जाने के लिए क्वारान्टीन सेंटर से बाहर निकलकर पानी का व्यवस्था करना पड़ता था। साथ ही बताया की शौचालय में भी काफी गंदगी पसरी हुई है जो संक्रमण को आमंत्रण दे रहे है।
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