कोरोना वायरस से जंग में सबसे अहम भूमिका डॉक्टर निभा रहे | Corona virus se jung main sabse aham bhumika doctor nibha rhe

कोरोना वायरस से जंग में सबसे अहम भूमिका डॉक्टर निभा रहे

कोरोना वायरस से जंग में सबसे अहम भूमिका डॉक्टर निभा रहे

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - कोरोना वायरस से जंग में सबसे अहम भूमिका डॉक्टर निभा रहे हैं। मरीजों के इलाज ने उनकी दीनचार्य ही बदल दी है। इनमें मेघनगर में बड़े हुए दो डॉक्टर भी शामिल है। इनमें से एक डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ उज्जैन में सेवा दे रहे हैं जबकि दूसरे इंदौर में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है वे चार दिन लगातार ड्यूटी के बाद 14 दिन क्वारेंटाइन में रहते हैं। इंदौर और उज्जैन में लगातार कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। इनके उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टरों की टीम में तीन डॉक्टर मेघनगर से है। ये शिफ्ट में इलाज देकर सेवा कर रहे हैं। उन्हें अपने घर आए लंबा समय हो गया है, लेकिन जब भी परिजन से फोन पर बात होती है एक ही बात कहते हैं फर्ज पहले हैं, बाकी सब उसके बाद। मेघनगर के डॉ. हार्दिक पिता दिलीप नायक, मृदाली पति हार्दिक नायक व रितेश पिता लक्ष्मणसिंह चौहान उज्जैन और इंदौर में कोरोना वारियर्स की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। डॉ. हार्दिक आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन में सेवा दे रहे हैं, इसके साथ वे यहां एमडी की पढ़ाई भी कर रहे हैं। उज्जैन में ही उनकी पत्नी मृदाली एलनसिटी मेडिकल कॉलेज में सेवा दे रही है। जबकि डा. रितेश अरबिंदों हॉस्पिटल इंदौर में कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे हैं। तीनों ही डॉक्टर अपनी शिफ्ट मे ड्यूटी कर रहे हैं। ये हमारे क्षेत्र के गौरव की बात है कि यहां बड़े हुए युवा अब डॉक्टर बनकर कोरोनाकाल में लोगों की जान बचा रहे हैं।


- डॉक्टरों ने बताई ड्यूटी की चुनौती

- लगातार ड्यूटी के बाद क्वारेंटाइन में रहना पड़ता है (फोटो : हािर्दक नायक)

कोरोना वायरस के कारण लगातार ड्यूटी करना पड़ रही है। मरीजों पर लगातार नजर रखना पड़ती है। उज्जैन में भी एक के बाद एक कई मरीज सामने आए, इसके चलते ड्यूटी का समय भी बढ़ गया। चार दिन तक लगातार ड्यूटी करने के बाद 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना पड़ा।


डॉ. हार्दिक नायक

- पीपीई कीट पहनने में लगता है समय

कोरोना मरीजों का इलाज करने में काफी सावधानी रखना पड़ती है। इसके लिए पीपीई किट पहनना पड़ता है। इस किट को पहनने में थोड़ा समय लगता है। मास्क भी बहुत टाईट रहता है। एक बार िकट पहनने के बाद इसे उतारा नहीं जाता। कई बार सांस लेने में भी तकलिफ होती है।

डॉ. रितेश नायक

- डटकर मुकाबला करना है तभी तो जीतेंगे

कोरोना वायरस से हमें डटकर मुकाबला करना है तभी हम जीतेंगे। ऐसे समय में डॉक्टरों की भूमिका सबसे अहम है। हम पूरे समय ड्यूटी दे रहे हैं। कोराना पॉजिटीव मरीजों के उपचार में कई सावधानियां भी रखना पड़ती है। इलाज के साथ मरीजों का हौसला भी बढ़ाना पड़ता है।

डॉ. मृदाली नायक

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