कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉक डाउन अवधि के दौरान किसानो के लिये आवश्यक सलाह | Corona virus sankraman ke karan lock down avdhi ke douran

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉक डाउन अवधि के दौरान किसानो के लिये आवश्यक सलाह

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - जिले के ग्राम सांडसकला में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ.अजीत सिंह द्वारा किसानों के लिए आवश्यक सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि (कोविद-19) के फैलने के खतरे के बीच, रबी फसलों के पकाव का समय आ रहा है। फसल कटाई और उत्पाद को संभालना जिसमें शामिल है। इसको विपणन के लिये ले जाना इन्हें टाला नही जा सकता, क्योंकि कृषि कार्य समयबद्ध होते है परन्तु किसानों को बीमारी के फैलाव को रोकने के लिये सावधानियों और सुरक्षा उपायों को अपनाना पडेगा। 

साधारण उपायों मे सम्मिलित है सामाजिक दूरी, हाथों को साबुन से धोकर अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना, चेहरे पर मास्क पहनना, सुरक्षा परिधान और औजारो और मशीनो की सफाई श्रमिकों को कृषि कार्यो की पूरी प्रक्रियाओं के दौरान प्रत्येक कदम पर सामाजिक दूरी और सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिये। 

कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ.अजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, उत्तर राज्यों में गेंहू की कटाई नजदीक आ रही है और कम्बाइन हार्वेस्टर के राज्यों के अन्दर और एक से दूसरे राज्य में आवागमन की अनुमति दी गई है। मरम्मत, रखरखाव और कटाई सम्बन्धी कार्यो में लगे सभी श्रमिकों के सावधानियों और सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया जाना चाहिये। सरसों रबी दूसरी महत्वपूर्ण फसल है, हाथ से कटाई चल रही है और जहां भी फसल कट गई है वहां मडाई बाकी है। मसूर, मक्का और मिर्ची की कटाई चल रही है और चना की जल्दी शुरू होने वाली है। गन्ने की कटाई अपने चरम पर है और उत्तर भारत में हाथ से बुवाई का भी समय है। 

आराम के दौरान, खाना खाते समय, उत्पाद का संग्रहण केन्द्र पर परिवहन के समय, उतारते, चढाते समय 3-4 फीट की सुरक्षित दूरी बनाये रखें। जहां तक संभव हो कृषि कार्य समय अंतराल से करे और एक ही दिन में बहुत सारे लोगों को काम में लगाने से बचे। जहां तक संभव हो परिचित व्यक्तियों को ही कार्य मे लगाये और आवश्यक पूछताछ के बाद ही लगाए ताकि कृषि कार्यो के दौरान किसी भी संदिग्ध या विषाणु वाहक के प्रवेश से बचा जा सके। जहां भी व्यवहार हो वहां मशीनो से कटाई प्राथमिकता देवें। मशीन के साथ केवल जरूरी संख्या मे आवश्यक व्यक्तियों को ही अनुमति दें।

सभी मशीनो को प्रवेश द्वार और नियमित अंतराल पर सेनीटाइज (अच्छी तरह से साफ सफाई) करते रहे। सभी परिवहन वाहनों, जूट बोरों या अन्य पैकेजिंग सामान को भी सेनेटाइज किया जाना चाहिये। उत्पाद का संग्रहण 3-4 फीट की दूरी पर छोटी ढेरियों मे किया जा सकता है। और खेत स्तर के प्रसंस्करण को प्रति ढेरी 1-2 व्यक्तियों को दिया जाना चाहिये जिससे भीड से बचा जा सके। मक्का और मूंगफल्ली के लिये उपयोग मे लाये जाने वाले थ्रेशर की उचित स्वच्छता और सफाई रखी जानी चाहिये। विशेषकर यदि मशीने कृषक समूह द्वारा सहभागिता/साझेदारी मे उपयोग मे लाई जा रही हो। मशीनों के उन भागो की प्रचुरता से साबुन के पानी से धुलाई करने की सलाह दी जाती है जिन्हे उपयोग के समय बार-बार छूआ जाता है। 

फसल कटाई उपरान्त, भडारण और कृषि उत्पाद का विपणन 
जब सुखाने, मडाई, औसाई, सफाई, श्रेणीकरण, छटाई और पैकेजिंग आदि कार्य खेत पर करे तब, मुंह पर सुरक्षा मास्क जरूर पहने धूल मिट्टी के कणों और ऐरोसोल के खिलाफ सुरक्षा मिल सकती है जिससे सांस संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है। 

भण्डरण से पूर्व अनाजों, दलहनो और मोटे अनाजों को खेत/घर पर पूरी तरह से सुखना सुनिश्चित किया जाना चाहिये और गतवर्ष उपयोग मे लाये जूट के बोरो का फिर से उपयोग करने से बचना चाहिये ताकि कीडो के प्रकोप से बचाव हो। जूट के बोरो का 5 प्रतिशत नीम के घोल मे डूबाने और सुखान के बाद प्रयोग करें।

उत्पाद को खेत पर या नजदीकी शीत भंडार गृह, गोदाम आदि मे भंडारण करें, यदि बेहतर भाव एक लिये जरूरी हो तो भंडारण के लिये जूट बोरो का उपयोग पर्याप्त सावधानी के साथ करना चाहिये जो कि किसानो को पर्याप्त संख्या मे उपलब्ध करवाए गये है। 

कृषि उत्पाद के लिये चढाने और परिवहन करने तथा मंडी मे बेचान के लिये नीलामी मे भाग लेते समय व्यक्तिगत सुरक्षा के पर्याप्त उपाय करने चाहिये। 

बीज उत्पादक किसानों को आवश्यक जरूरी कागजात के साथ बीज कम्पनियों को बीज परिवहन करने की अनुमति होगी और भुगतान प्राप्ति के समय सावधानी अपनानी होगी।
सब्जियों जैसे टमाटर, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियों, कद्दूवर्गीय और अन्य सब्जियों के खेत से सीधा बेचने (विपणन)/आपूर्ति करने मे सावधानी बरती जानी चाहिये।

खेत मे खडी फसलें

ज्यादातर गेंहू उगाने वाले क्षेत्रो मे तापमान अभी भी दीर्ध-अवधि औसत तापमान से नीचे चल रहा है। जिससे गेंहू की कटाई मे कम से कम 10-15 दिनों की देरी होगी यानि 10 अप्रेल से आगे तक, इसलिये, किसान गेंहू की कटाई 20 अप्रेल तक कर सकते है उपज मे बिना किसी महत्वपूर्ण नुकसान के, इससे उनको पर्याप्त समय मिल जाएगा, खरीद के लिये सहायक उपायों का प्रबन्ध करने और तिथि घोषित करने मे।
धान की कटाई की अवस्था मे यदि कहीं पर बेमौसम बारिश हो जाए तो दानों को अंकुरित होने से बचाने के लिये 5 प्रतिशत नमक के घोल का छिडकाव करें।

बागवानी फसलों मे फलन अवस्था है, जैसे कि आम, पोषक तत्व छिडकाव व पौध संरक्षण जैसी कृषि क्रियाए करते समय आदानों को संभालने, मिलाने, पहुंचाने और उपकरणों को धोने आदि मे सावधानी बरती जानी चाहिये।

धान के बाद मे ग्रीष्मकालीन दलहनों मे, सफेद मक्खी के प्रबन्धन पूरे सुरक्षा उपायों के साथ किया जाना चाहिये जिससे पीला मौजेक विषाणु के प्रकोप से बचा जा सके।

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