मेघनगर के केमिकल कारखाने रहवासियों के लिए अभिशाप | Meghnagar ke chemical karkhana rahvasiyo ke liye abhishap

मेघनगर के केमिकल कारखाने रहवासियों के लिए अभिशाप

जल व वायु प्रदूषण से खुजली,दमा, आंखों में जलन जैसी भयावह बीमारी ले रही है जन्म

मेघनगर के केमिकल कारखाने रहवासियों के लिए अभिशाप

मेघनगर (जिया उल हक क़ादरी) - नगर में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में  कुछ जहरीले कारखाने जिसने नगर की आबोहवा को प्रदूषित कर रखा है औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री  स्वर्गीय इंदिरा गांधी द्वारा की गई थी इंदिरा गांधी का सपना था आदिवासी क्षेत्र में रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो और आदिवासी को रोजगार भी मिले कुछ वक्त तक तो ऐसा हुआ भी पर वक्त बदला और केमिकल कारखानों ने  पैर पसारना शुरू किए कांग्रेस के शासनकाल जाते ही भाजपा का शासन काल आया और मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र को शिव सरकार ने मेघनगर को केमिकल जोन घोषित किया  भाजपा शासनकाल में कांग्रेस के जिन दिग्गज  नेताओं ने केमिकल कारखानों को भगाने के लिए जनता को जगाया था आज वही नेता इन कारखानों  का समर्थन करते नजर आ रहे हैं वर्तमान थांदला विधायक ने अपने घोषणा पत्र में जल एवं वायु प्रदूषण फैला रहे कल कारखानों पर ताला लगाकर उनके बंद करने का वचन भी दिया था अब उसे करके दिखाना है नगर में इनके बारे में चर्चा होती है कि इनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं जैसा यह कहते हैं ऐसा करके भी दिखाते हैं विधायक जी की आपको जिस गांधी की साफ-सुथरी छवि के रूप में आपको पहचाना जाता है उस पर आप खरा उतरें।

*खुजली,दमा,आंखों में जलन और भी कई भयावह बीमारी ले रही है जन्म*

मेघनगर एवं आसपास के क्षेत्र में प्रत्येक दस व्यक्ति में से चार व्यक्ति उक्त गंभीर बीमारियों से पीड़ित है इन सबके पीछे विष उगलते ये कारखाने इन भयावह बीमारियों के जिम्मेदार हैं। केमिकल उद्योगों से होने वाले वायु प्रदूषण से श्वास संबंधी कई बीमारियां अपनी जड़ मजबूत करती जा रही है। कारखानों से विषाक्त जल नालियों के माध्यम से आसपास के तालाबों में छोड़ दिया जाता है इतना ही नहीं कई फैक्ट्रियों ने तो कंपनियों के अंदर ही बोरिंग जमीन में हॉल करवा कर भूजल को खराब करने का काला खेल कई वर्षों से खेल रहे हैं जिससे नगर के भूजल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के कुओं तालाबो में पीला एवं काला पानी साफ देखा जा सकता है उक्त गंभीर समस्या से खुजली त्वचा,बाझ पन व कई गुप्त रोग से संबंधित कई बीमारियो ने यहां के रहवासियों को घेर लिया है। औद्योगिक क्षेत्र से सटे ग्राम फतेहपुरा,फुट तालाब, हीरापुर,अगराल, गुंदीपाडा भी इस केमिकल युक्त पानी की चपेट में आ चुके हैं  पशुपालन भेड़ बकरी मवेशी भी जहरीला पानी पीने की वजह से मर चुके हैं। किन कारखानों के कारण सुना जा रहा है।

Post a Comment

Previous Post Next Post