रियालिटी शो भी पीछे छूटा ताज के मंच पर सरताज बनकर उभरे बच्चे
दिल्ली पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल के तृतीय वार्षिक उत्सव उड़ान में शामिल होने के लिए मुंबई से टीवी कलाकार आए
धामनोद (मुकेश सोडानी) - दिल्ली पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार रात तृतीय वार्षिक उत्सव "उड़ान" इस बार भी अमिट छाप छोड़ गया। करीब 1000 बच्चों ने टीवी के रियलिटी शो की तरह स्टेज परफॉर्मेंस देकर यह साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं है। उनका परफॉर्मेंस देखने के लिए "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" सीरियल के बहुचर्चित कलाकार अब्दुल सोडा वाला उर्फ चार्ली भाई यानी शरद सांखला और गोली (कुश शाह) मुंबई से खास तौर पर बतौर अतिथि धामनोद आए तथा लगातार 4 घंटे उन्होंने रंगारंग प्रस्तुतियों को अपलक निहारा। दोनों ही कलाकार बच्चों की प्रतिभा से इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि जब उन्हें संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया तो सबसे पहले उन्होंने मंच को चूमा। उन्होंने बच्चों के माता-पिता के साथ टीचर को अपना आदर्श बनाने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि स्कूल प्रबंधन ने मंच से ही अगले सत्र से 11वीं की मैथ्स, बायोलॉजी व कॉमर्स की कक्षाएं शुरू करने और बच्चों को IIT व नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां स्कूल में ही करवाने की घोषणा की, जिसका अभिभावकों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।
इस मौके पर अब्दुल सोडावाला ने कहा कि डीपीआईएस के बच्चे मेरे दिल में बसते हैं। आज इनके प्रोग्राम ने हमारा दिल जीत लिया। माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों का पढ़ाई के साथ एक्टिविटी में भी हौसला बढ़ाएं। हमारे समय में इतनी सुविधाएं नहीं थी। सोडावाला ने मंच पर ताजमहल की सफेद प्रतिकृति देखकर इसकी मुक्त कंठ से प्रशंशा की और इसे शांति और प्यार का सूचक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष की लाल किले की विशाल प्रतिकृति को वे आज तक भूले नहीं हैं। गोकुलधाम सोसायटी के हर कलाकार को मैं आपके सामने लाता रहूंगा। डीपीआईएस भी गोकुलधाम सोसाइटी की ही तरह है। मुझे यहां भी सीखने को मिलता है और वहां भी।
"हमारा धामनोद लंदन से कम नहीं"
टप्पू सेना के गोली ने भी बच्चों के परफॉर्मेंस की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि डीपीआईएस में आते ही मुझे यह बताया गया कि आज मंच पर साढे चार हजार अभिभावकों की मौजूदगी में एक हजार बच्चे मंच पर प्रस्तुति दे रहे हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। हर बच्चे को बचपन से ही स्टेज परफॉर्मेंस की आदत डाल लेनी चाहिए। डीपीआईएस के बारे में यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि यहां हर बच्चे को मंच पर आना जरूरी है। मुझे यहां आकर बच्चों का परफॉर्मेंस देखकर बहुत अच्छा लगा और मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि मुंबई के किसी भी स्कूल में ताकत नहीं जो ऐसी परफॉर्मेंस दे सकें। मेरी टप्पू सेना अब पांच बच्चों कि नहीं बल्कि हजार बच्चों की है। यहाँ धामनोद में मौसम बहुत अच्छा है। मुंबई में तो ट्रैफिक का शोरगुल और प्रदूषण बहुत ज्यादा है। वहां ठंड भी नहीं है। गोली ने मंच से ही एक नारा भी दिया - नीम का पेड़ किसी चंदन से कम नहीं, और हमारा ये धामनोद लंदन से कम नहीं। इस पर खूब तालियां बजी। दोनों ही कलाकारों ने आत्माराम तुकाराम भिड़े ( मंदार चांदवडकर) के पारिवारिक कारणों से नहीं आने के लिए क्षमा याचना की और यह विश्वास दिलाया कि अगली बार वे उन्हें लेकर जरूर आएंगे। मंच पर ही विद्यार्थियों की ओर से हर्षवर्दीनी राजपूत, निशिता जलवानिया और हर्ष सोडाणी ने अब्दुल सोडा वाला और गोली से एक्टिंग, खानपान, उनके आदर्श, गोकुलधाम सोसायटी और पसंदीदा कलाकारों से जुड़े सवाल पूछ कर कार्यक्रम को और रोचक बना दिया। गोली ने इस पर स्कूल के यूनिफॉर्म की सराहना की और कहा कि मुझे भी इस तरह की यूनिफॉर्म मिलती तो मजा आ जाता। इस दौरान कार्यक्रम के बीच में क्षेत्रीय विधायक पंचीलाल मेडा के आगमन पर उनका मंच पर स्वागत किया गया।
"हम शिक्षा नहीं सुशिक्षा देते हैं।"
इसके पूर्व डीपीआईएस के डायरेक्टर विजय पारीक ने अतिथियों का विस्तार से परिचय दिया। उन्होंने कहा हमारे स्कूल का ज्यादा जोर किताबी ज्ञान की बजाएं सर्वांगीण विकास पर है। हम शिक्षा ही नहीं बल्कि सुशिक्षा देते हैं। डीपीआईएस के बच्चों ने बहुत ही कम समय में ढेर सारी उपलब्धियां हासिल की है। वार्षिकोत्सव की तैयारियां भी महज़ 15 दिनों के भीतर ही की गई है। उन्होंने अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया कि हम बच्चों को ज्ञान रूपी ऐसा कवच प्रदान करेंगे जो जीवन की कठिनाइयों से उनकी रक्षा करें। फिर उन्हें शस्त्र की आवश्यकता ही नहीं होगी। शास्त्र का ज्ञान ही काफी होगा। डीपीआईएस के अन्य डायरेक्टरों महादेव पाटीदार, संतोष पाटीदार, विजय पाटीदार, दीनबंधु पाटीदार, अनिल पाटीदार, वीरेंद्र पाटीदार आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्था का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए प्राचार्य स्वपन सिन्हा ने विद्यालय की उपलब्धियों का संपूर्ण ब्यौरा दिया।
"इन मेधावी और प्रतिभावान बच्चों को मिला पुरस्कार"
शयाना दुबे, चेरी पाटीदार, रुद्र प्रताप सिंह मंडलोई, यति पाटीदार, वर्णिका पाण, आदिति पाटीदार, अनिक जाट, केशव मंडलोई, बतूल इज़ी, देवांश पाटीदार, अक्षिता जयसवाल, अक्षत गुप्ता, ध्रुवी चौहान, भाग्यश्री कटारे, आदित्य वास्केल, ध्यान दलवाड़ी, हंसिका पाटीदार, सौम्य पाटीदार, हंसिका पाटीदार (हाईएस्ट अटेंडेंस) और गौरव पाटीदार (आर्टिस्ट ऑफ द ईयर) ट्यूलिप परिहार, पनशूल पाटीदार, कृष्णा बडोले, सानिध्य जयसवाल, महिमा जायसवाल, आस्था पाटीदार, जलद पटेल, प्रियांशी बडोले, शौर्य पाटीदार इन बच्चों के साथ माता-पिता को भी आमंत्रित कर सम्मानित किया गया।
"इन प्रस्तुतियों ने सबसे ज्यादा तालियां बटोरी" गणेश वंदना, बाला सॉन्ग, वंदे मातरम, फैशन शो, झांसी की रानी, यह जवानी, बागबान एक्ट, ड्रामा उड़ान, डीपीआईएस एंथम, पंजाबी करतारपुर एक्ट, पांडेजी सीटी बजावे, एरियल एक्ट तेरी मिट्टी आदि इनमें वंदे मातरम की प्रस्तुति में सबसे ज्यादा 80 बच्चों ने शिरकत की सारे कार्यक्रमों का बच्चों ने ही बारी बारी से कुशल संचालन किया। अतिथि स्वागत महादेव पाटीदार, अनिल पाटीदार, विजय जनता, वीरेंद्र पाटीदार एवं दीनबंधु पाटीदार ने किया एवं स्मृति चिन्ह कमल पाटीदार, सुभाष पाटीदार, विजय गाड्या एवं दिनेश पाटीदार ने दिया आभार विजय पारीक ने माना।
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