दो बेटियों को जन्म देकर अपनाया परिवार नियोजन अब दे रहे बेटी बचाओ का संदेश | 2 betiyo ko janm dekar apnaya parivar niyojan ab de rhe beti bachao ka sandesh

दो बेटियों को जन्म देकर अपनाया परिवार नियोजन अब दे रहे बेटी बचाओ का संदेश 

दो बेटियों को जन्म देकर अपनाया परिवार नियोजन अब दे रहे बेटी बचाओ का संदेश

धामनोद (मुकेश सोडानी) - नगर में एक ऐसा परिवार है जो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के संदेश के साथ निवासरत होकर अब दोनों बेटियों के बाद परिवार नियोजन को अपना कर एक सन्देश दे रहे है तथा  अब अन्य लोगों को भी  इसके लिए जागरूक कर रहे  है प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के सुखदेव पाटीदार जो कि  कपड़ा व्यवसाई है तथा उनकी पत्नी जयश्री पाटीदार खलघाट में कन्या हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं दोनों ने दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन को अपना लिया जानकारी के अनुसार उनकी दो बेटिया  देव श्री और तनुश्री का जन्म 2006 एवं 2011 में हुआ था नगर के पटवा कॉलोनी में निवासरत इस दंपति ने फैसला लिया कि अब परिवार नियोजन अपनाकर बेटियों को उच्च शिक्षा देंगे तथा नगर में सकारात्मक संदेश  भी 

मां से मिली थी प्रेरणा

जानकारी देते हुए सुखदेव पाटीदार ने बताया कि  बेटियां भी किसी से कम नहीं होती दोनों बेटियों के बाद परिवार नियोजन अपनाना इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मा राम प्यारीबाई पाटीदार से मिली थी उन्होंने बताया कि उनकी मां भी इकलौती संतान थी तथा उन्होंने अपना विवाह ग्राम कवाना में इसी शर्त पर किया था कि पति के साथ अपने मां बाप की सेवा करेगी तथा उन्होंने अपने मां-बाप का अंतिम समय तक साथ रहकर   पालन किया यहां तक कि बेटे की तरह उन्हें मुखाग्नि भी दी  मां से प्रेरणा लेकर उन्होंने बेटियां बेटों से कम नहीं मानकर परिवार नियोजन अपना लिया

दोनों बेटियों को कार्यस्थल पर ले जाते हैं

प्रति माह में छुट्टी के दिन वह अपनी दोनों बेटियों को अपने कार्यस्थल पर ले जाकर उन्हें अवगत कराते हैं सुखदेव पाटीदार जो कि व्यवसाई है तथा श्रीमती जयश्री पाटीदार शिक्षिका दोनों अपनी बेटियों को साथ में ले जाकर उन्हें  सामाजिक  तथ्यों  की जानकारी देते हैं

खुद संविदा शिक्षक पद पर नियुक्त हुए लेकिन नौकरी नहीं की

वर्ष 2008 में पाटीदार खुद संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्त हो गए लेकिन उनकी पत्नी शिक्षक थी इसलिए उन्होंने बेटियों को पर्याप्त पालन पोषण एवं उन्हें  पर्याप्त समय मिले इसके लिए शासकीय नौकरी नहीं कि अब वह व्यवसाय के साथ-साथ अपनी बेटियों को पूरा समय देते हैं  नगर एवं आसपास के क्षेत्र के लिए  यह परिवार अब एक मिसाल है तथा समाज के लिए एक बेहतर संदेश

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