साहित्य समाज में अच्छी सोच पैदा करता है - मनोज चावला
राणापुर (ललित बंधवार) - देश और समाज में जब जब मुशीबतों का पहाड़ टुटा तो साहित्य ने समाज को समाधान देकर उससे उबरने का रास्ता दिखाया है। साहित्य ही एक ऐसा साधन है जिससे घृणा,अराजकता,दूर होकर सामंजस्यता और सौहार्दता के घर बनाये जासकते हे।उक्त उदगार ज्योति सुरेश द्वारा संयोजित सम्मान समारोह में आलोट के विधायक मनोज चावला ने व्यक्त किये। चावला ने कहा कि राणापुर और झाबुआ को पिछड़ा क्षेत्र कहा जाता है तो मेरा मन व्यथित हो जाता है।जिस नगर और जिले में साहित्य के 150 से ज्यादा पुजारी रहते हो ,जो साहित्य के साथ मानव,पक्षी,और अन्य सेवाओं के काम करता हो उसे पिछड़ा कतई नही कहा जा सकता।चावला ने सीमा शाहजी,लोकेंद्र सिंह के साथ आयोजकों को भी बधाई दी। राणापुर के श्री राजेंद्र भवन में गीत वर्षा और सु श्री सीमा शाहजी और लोकेंद्र सिंह के सम्मान का।
प्रारम्भ में समारोह के मंचासीन अतिथि डॉ के के त्रिवेदी,दिलीप सकलेचा,नीलेश पंचोली,मनोज चावला,डॉ बी डी काबरा,और कवियित्री माधुरी किरण,तबस्सुम अश्क ने श्री मद जयंत सेन सूरी,माँ शारदे और महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण और दिप प्रज्वलन किया ।
इस बार कोमल पुष्प लड़ियों से स्वागत की लिक से हटकर अतिथियों का स्वागत कलम ( पेन ) से आयोजकों और श्रुति श्रोताओं ने किया। साहित्य और वनवासियों में रक्त दान के प्रति जागरूकता के लिए सीमा शाहजी और पक्षी और वानर (कपि) प्रेम के लिए लोकेंद्र सिंह को ओसवाल समाज और कचाट संस्था की और से प्रशस्ति पत्र,साल,श्री फल और दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया।
आजाद साहित्य परिषद के अध्यक्ष के के त्रिवेदी,जेन समाज के अध्यक्ष दिलीप सकलेचा,वनांचल साहित्य संस्था के नीलेश पंचोली,सम्मान से नवाजे गये सीमा शाहजी,लोकेंद्र सिंह चौहान,आयशा कुरैशी ने भी सम्बोधित करते हुए साहित्य के कई टिप्स देते हुए आयोजन की प्रशंसा की।जिले के कवि यशवंत भंडारी, प्रकाश त्रिवेदी भेरूसिंह तरंग,महेंद्र खुराना,भूमिका डोसी,सुरेश समीर ने अपनी रचना सुनाई।
बालाघाट से आई कवियित्री माधुरी किरण तथा महाँकाल की नगरी उज्जैन से आई कवियत्री तबस्सुम अश्क ने अपनी मोहब्बत,और गीत गजल से महफ़िल को खुशनुमा बनाते हुए बहुत दाद बटोरी।अभिनन्दन पत्र का वांचन प्रदीप भंसाली और सन्दीप सकलेचा ने किया। इस अवसर पर विगत 80 माह से दादा गुरुदेव श्री राजेंद्र सूरिजी की पुण्य स्थली मोहनखेड़ा जी एवं आस पास के तीर्थो की निशुल्क यात्रा का लाभ लेने वाले एस एम जे परिवार के अभय कटारिया का सम्मान भी विक्की सकलेचा एवं अतिथियों ने किया।
पुरे समारोह का कुशल संचालन सुरेश समीर एवं शरत शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में आजाद साहित्य परिषद,वनांचल, भारतीय साहित्य संस्था के सदस्य एवं श्रुधि श्रोता उपस्थित थे ।पश्चात सहभोज का आयोजन किया गया।
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