जन्माष्टमी पर दुकानों पर राधा-कृष्ण जोड़ी वाली पौशाखों की धूम तो श्रृंगार की हर सामग्री उपलब्ध
जन्माष्टमी पूर्व सजने लगी दुकानें - कन्हैया राधा संग रास रचाने को तैयार हर सामग्री उपलब्ध
झाबुआ/थांदला (अलीअसगर बोहरा) - रिमझिम बारिश में राष्ट्रीय पर्व के साथ रक्षाबन्धन का पर्व आ जाने से कपड़ा व्यवसाय जहाँ कमजोर रहा वही व्यापारी को जन्माष्टमी पर व्यापारियों को अच्छे व्यवसाय की उम्मीद है। रेडीमेड किड्स गारमेंट्स बरखा कलेक्शन की संचालिका बरखा नाहर व पार्श्वनाथ कलेक्शन के संचालक पंकज चौरड़िया ने बताया कि इस बार रक्षाबन्धन पर औसत व्यवसाय हुआ। रक्षाबन्धन पर अधिकांश ग्राहक साड़ियों के साथ बच्चों के रेडीमेड कपड़ो की ही खरीदी करते है। हिन्दू संस्कृति में वर्तमान समय मे रक्षाबन्धन पर्व जन्माष्टमी तक मनाया जाने लगा है इसलिये इस दिन अच्छी ग्राहकी की उम्मीद जताई जा रही है। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का जन्म भी हुआ था जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। विभिन्न संस्थाएं संगठन फैंसी ड्रेस, मटकी फोड़, माखनचोरी जैसे अनेक आयोजन भी रखते है इस कारण इस दिन राधा-कृष्ण की वेशभूषा की डिमांड भी रहती है। यही कारण है कि दुकानों पर राधा-कृष्ण के प्रतीक बनाकर उन्हें विविध प्रकार की राधा-कृष्ण के कपड़े पहनाये जाते है ताकि ग्राहक उससे आकर्षित होकर ले जाये। इधर श्रीनाथ श्रृंगार सदन संचालिका श्रीमती पुष्पा गोपीकिशन नागर, सुभाष नागर, मनोज नागर ने बताया कि जन्माष्टमी पर राधा-कृष्णाभूषण, नेत्र, सिंहासन, झूला, मोर, मुकुट, कवच-कुंडल, पगड़ी सहित पूजा आदि धार्मिक अनुष्ठान में लगने वाली समस्त सामग्री उपलब्ध है। दुकानों पर तो व्यापारी ग्राहक को आकर्षित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है अब देखना है वह आर्थिक मंदी के दौर में वह ग्राहक को कितना लुभा पाता है।
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