स्वास्थ्य कर्मी निजी क्लीनिक से विक्रय कर रहा सरकारी दवाएं
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - विकासखंड समनापुर के ग्राम धुरकुटा स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बहुद्देशीय कार्यकर्ता एमपीडब्ल्यू राम भगत मरावी पर निजी क्लिनिक संचालित करने का आरोप लगा है। पिछले दस वर्ष से एमपीडब्ल्यू प्राईवेट क्लिनिक का संचालन कर रहा है। क्लिनिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र समनापुर से महज 10 किमी दूर स्वास्थ्य कर्मी के गृह निवास ग्राम मझंगाव में संचालित हो रहा है। क्लीनिक में किसी प्रकार का कोई बोर्ड नहीं लगा है, लेकिन क्लिनिक में काफी मात्रा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सप्लाई की गई दवाएं व इंजेक्शन आदि का उपयोग किया जा रहा है।
दवाएं बेचे जाने की बात आई सामने
ऐसे में लोगों ने सवाल उठाए हैं धुरकुटा अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली दवा को प्राईवेट क्लिनिक से मरीजों को कैसे दे सकता है। दवाओं को निश्चित मूल्य लेकर बेचने की बात भी सामने आई है। ।क्लिनिक में सरकारी दवाओं का भंडार व विभाग की अन्य सामग्री रखी हुई है। लोगों ने बताया कि एमपीडब्ल्यू राम भगत मरावी ने क्लिनिक के लिए गांव के एक अनपढ़ व्यक्ति धीरत लाल को डॉक्टर बनाने का वादा करके उसे बिठा रखा है। सरकारी दवाएं क्लिनिक में कैसे पहुंची इसकी जांच की मांग की गई है।
स्वास्थ्य विभाग नहीं करता कार्रवाई
निजी क्लिनिक में सर्दी, बुखार समेत अन्य बीमारियों की दवाएं मौजूद हैं। इसके अलावा आम तौर पर सरकारी अस्पतालों में उपयोग होने वाले स्टील का स्टूल भी क्लिनिक में नजर जा रहा है। इस तरह के डॉक्टरों की वजह से अब तक कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड चुका है। इसके बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने स्थाई तौर पर तथाकथित डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की। ग्रामीण क्षेत्र में एक बार भी प्रशासन की कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बीएमओ समनापुर को तत्काल निर्देश दिए गए हैं कि मौका पर जाकर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी - डॉ. आरके मेहरा, सीएमएचओ डिंडौरी।