मुजफ्फरपुर में मोहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा और डमी हथियार लहराने पर पुलिस की कार्रवाई शुरू suru Aajtak24 News

मुजफ्फरपुर में मोहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा और डमी हथियार लहराने पर पुलिस की कार्रवाई शुरू suru Aajtak24 News

मुजफ्फरपुर/बिहार - मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र में मोहर्रम के ताजिया जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा लहराने और डमी हथियार प्रदर्शित करने का एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मचा दी है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है।

क्या है वायरल वीडियो में?

वायरल वीडियो हैदरे अखाड़ा द्वारा मस्जिद टोला से पुरानी पेठिया कर्बला की ओर निकाले गए जुलूस का बताया जा रहा है। इसमें कुछ युवकों को फिलिस्तीन का झंडा लहराते हुए और डमी हथियारों के साथ मार्च करते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस प्रकार के संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय प्रतीक का धार्मिक जुलूस में इस्तेमाल और डमी हथियारों का प्रदर्शन, दोनों ही कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। एडिशनल एसपी को विशेष रूप से वीडियो में शामिल युवकों की पहचान करने और उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस की प्राथमिक जांच इस बात पर केंद्रित है कि फिलिस्तीन का झंडा जानबूझकर लहराया गया था या यह किसी प्रकार की 'प्रायोजित शरारत' थी। इसके अलावा, पुलिस यह भी पता लगा रही है कि डमी हथियार लेकर चलना धारा 107/116 और आर्म्स एक्ट के तहत आता है या नहीं। प्रशासन इस बात को लेकर भी चिंतित है कि फिलिस्तीन जैसे संवेदनशील मुद्दे को धार्मिक जुलूसों में शामिल करना सांप्रदायिक सौहार्द को भंग करने की साजिश हो सकती है।

जांच के विभिन्न पहलू

पुलिस फिलहाल शांति बनाए रखने की अपील कर रही है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और खुफिया यूनिट के जरिए इस पूरे घटनाक्रम की गहराई से छानबीन की जा रही है। यदि जांच में किसी भी प्रकार की पूर्व नियोजित उकसावे की भूमिका पाई जाती है, तो एफआईआर दर्ज कर संबंधित व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी की जा सकती है। यह घटना अब इस सवाल को जन्म देती है कि फिलिस्तीन के झंडे का यह प्रदर्शन केवल "मजहबी जोश" था या इसके पीछे कोई सुनियोजित राजनीतिक इशारा था। पुलिस की विस्तृत रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई से ही इस मामले की पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी।

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