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उत्तराखंड में बारिश का कहर: चमोली में जनजीवन अस्त-व्यस्त, केदारनाथ यात्रा रोकी गई, 50 से ज्यादा सड़कें बंद band Aajtak24 News |
चमोली, उत्तराखंड: उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। चमोली जनपद में स्थिति विकट है, जहां भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे उमट्टा में बाधित हो गया है और ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी की विद्युत सप्लाई ठप पड़ी है। बिगड़ते हालात को देखते हुए केदारनाथ यात्रा भी रोक दी गई है।
चमोली में बिगड़े हालात
बदरीनाथ हाईवे बाधित: उमट्टा में पहाड़ी से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया है। सुबह नंदप्रयाग के पर्थाडीप में भी करीब एक घंटे तक मलबा आने से हाईवे बाधित रहा, हालांकि अब उसे खोल दिया गया है। भनेरपानी, क्षेत्रपाल और पीपलकोटी में भी मलबा आने से मार्ग बाधित हुआ था।
बिजली संकट: ज्योतिर्मठ क्षेत्र में पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन पर फाल्ट आने से बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप है। फाल्ट का पता लगाने और उसे ठीक करने का काम जारी है।
शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश: मौसम विभाग की भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी के मद्देनजर, मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चमोली जनपद के सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है।
थिरपाक गांव में तबाही: नंदप्रयाग के थिरपाक गांव में बरसाती गदेरे ने भारी तबाही मचाई है। नाले का पानी और मलबा कई घरों में घुस गया है, जिससे लोगों को हॉस्पिटल में शरण लेनी पड़ी। आपदा में 2 शौचालय बह गए और 2 गोशालाएं भी चपेट में आ गईं, जिसमें 1 बैल और 2 बकरियों की मौत हो गई. खेतों में भी मलबा घुसने से फसल को भारी नुकसान हुआ है।
नदियां उफान पर: नंदानगर में चुफलागाड़ उफान पर है और नंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप ले लिया है।
प्रदेश भर में सड़कों का हाल और आपदा का असर
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश भर में बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से कुल दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य बाधित मार्ग: देहरादून जिले में विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग लखवाड़ बैंड के पास बंद है. उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी में बंद है।
अन्य प्रभावित जिले: रुद्रप्रयाग, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, पौड़ी और टिहरी जिलों में भी कई ग्रामीण और राज्यमार्ग बंद हैं।
आपदा के कारण राज्य में अब तक 143 भवनों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 133 को आंशिक, 8 को गंभीर और 2 को पूरी तरह क्षति हुई है। 1 जून के बाद से 21 लोगों की जान जा चुकी है, 11 घायल हुए हैं और 9 लोग लापता हैं। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।