गुजरात में AAP को तगड़ा झटका: विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप, AAP ने 5 साल के लिए किया सस्पेंड Aajtak24 News


गुजरात में AAP को तगड़ा झटका: विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप, AAP ने 5 साल के लिए किया सस्पेंड Aajtak24 News 

अहमदाबाद/गुजरात - गुजरात में हाल ही में विसावदर विधानसभा सीट पर जीत का जश्न मना रही आम आदमी पार्टी (AAP) को उस समय एक बड़ा झटका लगा, जब बोटाद से उसके विधायक उमेश मकवाणा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। मकवाणा ने AAP के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे पार्टी की विचारधारा से भटकने का नतीजा बताया है। जवाब में, AAP ने तुरंत पलटवार करते हुए मकवाणा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 5 साल के लिए निलंबित कर दिया है।

मकवाणा का इस्तीफा और पार्टी पर लगाए आरोप

उमेश मकवाणा ने आम आदमी पार्टी के व्हिप और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद से इस्तीफा देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात की राजनीति में जातिवादी विचारधारा का प्रभाव बढ़ रहा है और AAP भी अब इससे अछूती नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछड़े समाज (OBC) के मुद्दों को उठाने के लिए पार्टी जॉइन की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मकवाणा ने हाल ही में हुए उप-चुनावों का हवाला देते हुए AAP की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पाटीदार उम्मीदवार गोपाल इटालिया को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जबकि कडी सीट पर दलित उम्मीदवार को कोई मदद नहीं दी गई और उसे चुनाव लड़ने के लिए कर्ज लेना पड़ा। मकवाणा ने कहा, "बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो लगा लेने से कुछ नहीं होता, उनके विचारों का पालन करना ज़रूरी है।" उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह 2027 के चुनाव से पहले पिछड़े समाज के लोगों से चर्चा कर कोई नई पार्टी भी बना सकते हैं।

AAP का तुरंत एक्शन: प्रदेश अध्यक्ष ने दिया जवाब

मकवाणा के बागी तेवर सामने आने के तुरंत बाद AAP के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने उन पर तीखा हमला बोला। गढ़वी ने एक्स (ट्विटर) पर घोषणा करते हुए कहा कि उमेश मकवाणा को 'पार्टी विरोधी और गुजरात विरोधी गतिविधियों' के लिए 5 साल के लिए सस्पेंड किया जाता है। गढ़वी ने मकवाणा को चुनौती देते हुए कहा, "अगर उनमें ताकत है, तो वे विधायकी से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़कर दिखाएं।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मकवाणा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं और उन्हें कई बार अपने क्षेत्र में रहने की हिदायत दी गई थी। गढ़वी ने मकवाणा की बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ बताया और कहा कि विसावदर की जीत से बौखलाकर बीजेपी ने उन्हें अपने पाले में कर लिया है।

पार्टी की विधानसभा में स्थिति

पार्टी से सस्पेंड होने के बावजूद, उमेश मकवाणा बोटाद से विधायक बने रहेंगे, क्योंकि निलंबन से विधायकी रद्द नहीं होती। ऐसे में बोटाद में कोई उप-चुनाव नहीं होगा। यह घटना AAP के लिए एक बड़ा झटका है। 2022 में जीती पाँच सीटों में से भूपत भायाणी पहले ही इस्तीफा देकर बीजेपी में जा चुके थे और अब मकवाणा के सस्पेंड होने के बाद गुजरात विधानसभा में AAP के पास सिर्फ चार विधायक बचे हैं। पार्टी के बचे हुए विधायकों में नव-निर्वाचित गोपाल इटालिया, चैतर वसावा (डेडियपाड़ा), हेमंत खवा (जाम जोधपुर) और सुधीर वाघाणी (गारियाधर) शामिल हैं। यह घटना दर्शाती है कि गुजरात में AAP की राह अभी भी आसान नहीं है।

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