भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक संपन्न sampann Aajtak24 News

 

भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक संपन्न sampann Aajtak24 News 

भुवनेष्वर/ उड़ीसा - देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक उड़ीसा के भूवनेश्वर  स्थित उत्कल विपन्न सहायता समिति के सभागार में संपन्न हुई। जिसमें देश भर के दो सौ से अधिक किसान प्रतिनिधि सम्मिलित हुये। बैठक के प्रथम दिन शनिवार को भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, महिला आयाम प्रमुख मंजू दीक्षित, मंत्री वीणा सतीश, सुशीला सिंह की उपस्थिति में गौपूजन, भारत माता, भगवान बलराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जलित कर प्रबंध कार्यकारिणी बैठक का शुभारंभ किया गया। बीज कानून संबधी प्रस्ताव को अखिल भारतीय मंत्री बाबूभाई पटैल व आईसीएआर संबधी प्रस्ताव डॉ सोमदेव शर्मा ने प्रबंध समिति बैठक में रखा। महामंत्री श्री मिश्र ने देश भर के प्रांतो में होने वाले निर्वाचन के लिये निर्वाचन कार्यक्रम व निर्वाचन अधिकारियों की घोषणा भी की।

प्रस्ताव- 1 किसान हितैषी बीज कानून तत्काल बनाये सरकार

भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में बीज कानून तत्काल बनाने का प्रस्ताव पास कर सरकार के समक्ष कानून बनाने की मांग रखते हुये महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि सही बीज कानून न होने के कारण नकली, अप्रमाणिक व अनाधिकृत बीज धड़ले से बाजार में चल रहे हैं। इन बीजों के कारण किसानों का भारी नुकसान हो रहा है। मूल्य नियंत्रण न होने के कारण किसानों की लागत में बेतहाशा वृद्वि हो रही है। 15 हजार करोड़ के बीज बाजार पर किसान की निर्भरता बढ़ रही है। श्री मिश्र ने कहा कि खाद्यान्न सुरक्षा का मूल आधार किसान है और बीज किसानों का अधिकार है। इसलिये केंद्र सरकार से आग्रह है कि किसान के शोषण को रोकने के लिये सरकार तुरंत कानून बनाये। जिससे बीज किफायती मूल्यों पर उपलब्ध हो। गलत बीज, नकली बीज बनाने वाली कंपनियों के लिये कड़े दंड का विधान हो। कृषि उत्पादन, संसाधन व कृषि उत्पादकता, प्राकृतिक संसाधन, दोहन व संरक्षण आधारित गुणवत्तायुक्त कृषि बीज किसान को उचित मूल्य पर मिले सके इस हेतु हितधारकों से सहमति बनाकर किसान हित व राष्ट्र हित में तत्काल बीज कानून बनाये।

प्रस्ताव- 2 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद किसान हित की आढ़ में संदिग्ध समझौतों से बाज आये

अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि क्षेत्र की सर्वोच्च सार्वजनिक कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रचार प्रसार की संस्था है। जिसमें देश भर में 731 कृषि विज्ञान केंद्र का बड़ा नेटवर्क है। इसके बावजूद भी 2023 से लगातार निजी कंपनियों जैसे ऐमाजोन, धानुका, बायर, कोरोमंडल आदि से कृषि शोध, सलाह, तकनीकी मार्गदर्षन व कृषि उत्पाद का व्यापार जैसे विषयों पर लगातार समझौता कर रहा है। श्री मिश्र ने प्रश्न उठाते हुये कहा है कि देश भर के किसानों, किसान संगठनों, कृषक उत्पादक समूह की उपेक्षा कर विदेषी एमएनसी को प्राथमिकता देकर समझौते करना क्या देश हित में है, चयन में क्या प्रक्रिया, नियम, मापदण्ड अपनाये, क्या कार्बन क्रेडिट बाजारों के बारे में सार्वजनिक बहस हुई। जबकि संविधान अनुसार कृषि एक राज्य का विषय है। क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन कर सार्वजनिक नीति बनाई गई, क्या समझौते के दस्तावेज सार्वजनिक किये गये हैं, आईसीएआर बायर कंपनी से क्या सीखेगा, इन समझौतों में यह स्पष्ट नहीं है कि किस समस्या को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री मिश्र ने आगे कहा कि देश के किसान को यह जानने का हक है कि क्षमता संपन्न वाले संस्थान की क्या मजबूरी है कि कुछ चुनिंदा विदेषी कंपनियों से ही समझौता करना पड़ा। जो संस्थायें हमारे कृषि क्षेत्र के आर्थिक और पर्यावरण संकट के लिये जिम्मेदार हैं। उन्हें ही हिस्सेदारी देना तर्कसंगत नहीं है। इनका उद्देष्य मात्र मुनाफा कमाना है। किसान संघ के पास किये प्रस्ताव में किसानों ने चिंता व्यक्त की और कहा कि आईसीएआर भारत की जनता के प्रति जबाबदेह है। यदि आईसीएआर कृषि मंत्रालय द्वारा तय मापदंडों को ताक पर रखकर निर्णय ले रही है तो देश का कृषि मंत्रालय अनभिज्ञ क्यों। भारतीय किसान संघ ने आईसीएआर को सुझाव देते हुये कहा कि किसानों के लिये नीतिगत निर्णय लेने से पहले देश के सभी कृषि हितधारकों, किसान संगठनों से चर्चा कर सहमति बनाकर किसान हित में नीति निर्धारित करें। प्रस्ताव पास कर किसान संघ ने आईसीएआर द्वारा किये गये संदिग्ध समझौतों को निरस्त करने तथा समझौतों की प्रतियां व पायलट प्रोजेक्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग रखी। साथ ही इसकी विस्तृत जांच कर इसमें शामिल देश विरोधी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये तथा केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के सार्वजनिक शोध संस्थानों के लिये पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करे।

कृषि लागत कम करने पर हुआ मंथन

भुवनेष्वर में आयोजित प्रबंध समिति बैठक में किसानों की कृषि लागत कम करने पर भी मंथन हुआ। देश भर से आये किसानों ने सुझाव रखे कि सरकार को किसान सम्मान निधि में इजाफा कर किसान को आर्थिक मदद देनी चाहिये। कृषि आदानों पर जीएसटी कम करने की मांग भी किसानों द्वारा रखी गई। किसानों ने खाद सब्सिडी के नाम पर कंपनीयों को दी जाने वाली सब्सिडी किसानों को देने, सस्ती बिजली, पानी देनेेे की मांग को रखा।

ये रहे उपस्थित भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में अखिल भारतीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी,सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, राष्टीय स्वंयसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक जगदीश जी, उपाध्यक्ष भैयाराम मौर्य, पेरूमल, कोषाध्यक्ष युगलकिशोर मिश्र, मंत्री साई रेड्डी, वीणा सतीश, महिला आयाम प्रमुख मंजू दीक्षित, बाबू भाई पटैल, आई एन बसवेगौड़ा, भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, उत्तरपूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री श्रीनिवास, भानू थापा, अम्बूभाई पटैल, प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, बिट्टल भाई दुधात्रा प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना प्रांत संगठन मंत्री अतुल जीमहेश्वरी प्रांत महामंत्री रमेश दांगी प्रांत कोशाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेलप्रदेश इकाई अध्यक्ष श्रीमुख प्रधान, महामंत्री जानकी वल्लभ सहित देश भर के विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।




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