संत सिंगाजी पावर परियोजना की इकाई नंबर एक से विधुत उत्पादन ठप होने पर कार्यपालन अभियंता पर गिरी गाज
संत सिंगाजी पावर परियोजना की हालत खराब मुख्यालय बैठे अधिकारी नही करते आत्म मूल्यांकन छः घंटे के लिए इकाई मे एलेक्ट्रिक फाल्ट आने से इकाई ट्रिप होने पर निलंबन
हजारो करोड़ के लास पर बड़े बड़े अधिकारियो पर कोई कार्यवाही नही दोहरा मापदंड क्यो ?
बीड/खण्डवा (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना की इकाई नंबर एक से शुक्रवार सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर इकाई मे इलेक्ट्रिक फाल्ट आ जाने से ट्रिप हो गई थी जिसे इंजीनियरों की टीम द्वारा सुबह 11 बजे वापस ठीक कर बिजली उत्पादन शुरू कर लिया गया इसके बाउजुद मुख्यालय जबलपुर के आदेश पर कार्यपालन अभियंता भरत सिंह मौर्य को बगेर ठोस कारण के तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया जिसका इंजीनियर संघठन विरोध कर रहे है अगर निलंबन वापस नही लिया गया तो बात आंदोलन तक भी जा सकती है
जबकि 2520 मेगावाट की सिंगाजी परियोजना की आधुनिक तकनीक से नव निर्मित हजारो करोड़ की दो इकाइयों की एच पी टरबाइन मात्र 3000 घंटे चलने पर ही टूट गई घटिया निर्माण से सरकार को करोडो का नुकसान हुआ . इंस्पेक्शन नोट नही बनाने से घटिया मटेरियल लगाया गया कई बार पी जी टेस्ट की कोशिश की गई लेकिन हर बार असफल रहे जिस कारण अब अन्य प्लांटों की अपेक्षा एक यूनिट बिजली बनाने मे 25 प्रतिशत कोयला यहा अधिक लग रहा हे जिसमे कंपनी को भी करोडो रुपए रोज नुकसान भुगतना पड़ रहा है भ्रष्टाचार के कारण बंटाधार हो चुकी इकाइयां चलती ही नही तो इसमे अधिकारियो का क्या दोष निर्माण सही ढंग से कराया जाता तो इकाइयां ठीक ढंग से चलती लेकिन अब कार्यवाही वास्तविक रूप से दोषी लोगो पर न की जाकर ऊर्जा सचिव को खुश करने के लिए कागजी खाना पूर्ति की जा रही है ऊर्जा सचिव अगर कार्यवाही की ईच्छा शक्ति रखते है तो इन लोगो पर कार्यवाही हो जिन्होने परीयोजना मे आपसी हित साधकर घटिया निर्माण कराया जिसका खामियाजा सरकार को अब रबी के फसल के समय बढ़ती बिजली की मांग के समय उत्पादन ठप होने उठाना पड़ेगा ॥ ॥
इकाई नंबर एक के ट्रिप होने पर ऊपर से आये आदेश मे निलंबन की जानकारी मिली
आर .पी .पांडे
प्रवक्ता संत सिंगाजी पावर परियोजना
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