वर्तमान में जंगल काटकर वनभूमि पर अतिक्रमण करने वालों को नहीं है पट्टे की पात्रता | Vartaman main jungle katkar van bhumi pr atikraman karne walo ko nhi hai patte

वर्तमान में जंगल काटकर वनभूमि पर अतिक्रमण करने वालों को नहीं है पट्टे की पात्रता 

जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की अपील 


बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 तथा नियम 2008 संशोधित नियम 2012 के अंतर्गत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति गठित की गई है। 

जिला स्तरीय वनाधिकार समिति ने वर्तमान में जंगल को अवैध रूप से काट रहे लोगों से अपील की है तथा सभी दावेदारों एवं संबंधितों को नियमानुसार स्पष्ट किया है। समिति के संज्ञान में आया है कि जिले में कतिपय बिचौलियों/दलालों द्वारा भोले-भाले आदिवासियों को यह गलत जानकारी देकर उकसाया जा रहा है कि अवैध रूप से जंगल काटकर वन भूमि में कब्जा करने से उन्हें वनाधिकार का पट्टा प्राप्त हो जायेगा। बिचौलियों/दलालों के प्रभाव में आकर जंगल काटने तथा उन्हें रोकने गये वनकर्मियों पर हमला करने की घटनाएँ जिले में लगातार प्रकाश में आ रही है, जो एक गैरकानूनी कृत्य है। जिला स्तरीय समिति द्वारा सभी दावेदारों एवं संबंधितों को स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 तथा नियम 2008 संशोधित नियम 2012 के अंतर्गत 13 दिसम्बर, 2005 के पूर्व से वन भूमि में काबिज अनुसूचित जनजाति वर्ग के दावेदार तथा गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग का होने पर 13 दिसम्बर, 2005 के पूर्व कम से 3 पीढियो (75 वर्ष) से वनभूमि में काबिज होने तथा जीविका हेतु काबिज भूमि पर निर्भर होने पर ही पात्रतानुसार वनाधिकार का हक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान में जंगल काटकर वनभूमि पर अतिक्रमण करने से वन भूमि का पट्टा प्राप्त नहीं होगा। अत: एव सर्वसाधारण (संबंधितो) को समिति द्वारा सूचित किया जाता है कि कतिपय बिचौलियों/दलालों के बहकावे में नहीं आवे तथा हरे-भरे जंगलों को काटकर बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा का नुकसान नहीं करें।

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