जावरा अनुविभाग क्षेत्र की जल समस्या के स्थाई निदान की योजना | Javra anuvibhag shetr ki jal samasya ke sthai nidan ki yojna

जावरा अनुविभाग क्षेत्र की जल समस्या के स्थाई निदान की योजना

जावरा तथा आलोट विधायक देंगे अपनी निधि से राशि

जावरा अनुविभाग क्षेत्र की जल समस्या के स्थाई निदान की योजना

रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) - रतलाम जिले के जावरा अनुविभाग की जल समस्या के स्थाई समाधान की योजना तैयार की गई है। योजना के तहत तालाबों में स्टॉपडेम तथा अन्य जल संरचनाओं में रिचार्ज शाफ्ट बनाए जाकर भूजल स्तर में वृद्धि की जाएगी। इस कार्य पर लगने वाली राशि जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडे तथा विधायक आलोट श्री मनोज चावला द्वारा अपनी विधायक निधि से उपलब्ध कराई जाएगी।

जल समस्या के समाधान हेतु एसडीएम जावरा श्री राहुल धोटे द्वारा सोमवार को बैठक आयोजित की गई जिसमें जावरा विधायक डॉक्टर राजेंद्र पांडे, विधायक आलोट के प्रतिनिधि श्री निजाम काजी, तहसीलदार श्री नित्यानंद पांडे एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

बताया गया कि जावरा तहसील के 35 ग्रामीण तथा पिपलोदा तहसील के 24 ग्रामों के तालाबों, स्टॉपडेम तथा अन्य जल संरचनाओं में रिचार्ज शाफ्ट बनाकर भूजल स्तर बढ़ाने की योजना है। प्रत्येक जल संरचना में 1 से लेकर 3 तक रिचार्ज सॉफ्ट लगाए जाएंगे जो वर्षा जल को भूगर्भ में ले जाएंगे। अभी प्रत्येक वर्ष करीब 165 प्रतिशत भूगर्भ जल का दोहन क्षेत्र में होता है। वर्षा 100 प्रतिशत होने पर भी मात्र 6 प्रतिशत जल भूमि में रुक पाता है, शेष 94 प्रतिशत वर्षा जल बह जाता है। ऐसी स्थिति में रिचार्ज सॉफ्ट तकनीक कारगर होगी। मालवा की भूमि की काली मिट्टी जहां जल का रिसन नहीं के बराबर होता है और तालाब, स्टॉपडेम का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है ऐसे में तकनीक के द्वारा वर्षा के शत-प्रतिशत जल को भूमि के अंदर उतारा जा सकेगा। जल संरक्षण के लिए बनाई गई कार्ययोजना में लगने वाले वित्तीय भार का वाहन दोनों विधायकों द्वारा अपनी विधायक निधि से उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई है।

योजना के लागू होने पर संबंधित गांव की जल समस्या का न केवल स्थाई समाधान हो सकेगा बल्कि भूगर्भ जल भंडारण कर भविष्य के लिए भी सुरक्षित स्थिति लाई जा सकेगी। इसे आगामी पीढ़ियों को भी जल समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा।

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