बिजली बिल की वसूली पर शीघ्र रोक, 3 माह के बिजली बिल सरकार माफ करे :अजय रघुवंशी | Bijli bill ki vasuli pr shighr rok 3 mah ke bijli bill sarkar maaf kare

बिजली बिल की वसूली पर शीघ्र रोक, 3 माह के बिजली बिल सरकार माफ करे :अजय रघुवंशी


बुरहानपुर। (अमर दीवाने) - पूरे देश के साथ-साथ जिले में भी दो माह से अधिक समय से लाॅकडाउन चल रहा है, उसके बावजूद बिजली विभाग द्वारा अपने मनमाफिक उद्योगों, दुकानों व घरों पर बिजली के बिल बनाकर भेज रही हैं, और बिजली बिल की वसूली के लिए दबाव बना रही है, जिस पर सरकार तुरंत रोक लगाये एवं सभी व्यापार व घरो के 3 माह के बिजली के बिलों को माफ करे।

क्यो की काग्रेस सरकार बनते ही हर परिवार का 150 यूनिट तक 150 रुपये का बिजली बिल की योजना लागू की, जिससे प्रदेश के हर वर्ग के लाखों लोगों को लाभ हो रहा था। पर भाजपा की सरकार ने आते ही लाॅकडाउन में भी बिजली बिलों के माध्यम से जनता से वसूली करना शुरू कर दीया है। पहले ही लॉकडाउन से हर वर्ग परेशान है, प्रत्येक व्यक्ति का काम धंधा चौपट है, ऊपर से घर खर्च व सभी तरह के खर्च बढ़ते जा रहे है, इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा गरीब एवं मध्यवर्गीय परिवार परेशान है। और त्रस्त है, ऐसे में विद्युत वितरण कंपनी हजारों रुपये के बिजली के बिल दुकानों व घरो पर भेजकर व मैसेज देकर जमा करने को लेकर दवाब बना रही है। ऐसे समय में बिजली विभाग द्वारा हजारो रुपये के बिल देना अव्यवहारिक और घोर निंदनीय है, इससे तो गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवार की कमर ही टूट जाएगी। लाॅकडाउन के बढ़ते हुए काल खंडों में उद्योगों पर बिजली के बिलों की मार, उद्योग विभाग के विभिन्न प्रकारों के शुल्क उद्योगों को आर्थिक विपत्ति में और ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदेश के कई संगठनों ने मध्यप्रदेश शासन से गुहार लगाई है कि बिजली के बिल और शुल्क में छूट दी जाए, क्योंकि लाॅकडाउन पीरियड में उद्योग व्यापार प्रतिष्ठान बंद रहे हैं, और शासन उस पीरियड में भी वसूली करने पर उतारू है। प्रदेश के कई संगठन इस मामले में न्यायालय में भी शरण ले चुके हैं, शिवराज सरकार केवल अपना और अपनों के लिए सोच रही है। जबकि देश के करीबन 10 राज्यों में उद्योगों को बिजली के बिलों और शुल्क में छूट देने की घोषणा हो चुकी है। 
किसानों द्वारा हर बार बिजली बिल 6 माह का एडवांस जमा किया जाता है, किन्तु इस बार इस लॉक डाउन के चलते ओर उनकी फसल को दाम ना मिलने से उनकी ये हालत नही है कि वे एडवांस बिल भर सके, अतः भविष्य में किसानों से एडवांस बिल ना लेते हुए प्रतिमाह आने वाले बिल के हिसाब से लिये जाए। किसान की फसल को उचित मूल्य ना मिलने पर वो अपनी फसल ओने पौने दाम को बेचने को मजबूर है,यहां तक कि उसकी फसल की लागत नही निकल पा रही है, ऐसे में उन पर बिजली बिल की मार सहन नही हो रही है, अतः उनके पूरे बिल माफ किये जायें। कई महीनों से बन्द पड़े पावरलूम के कारण अब मजदूरों के घर मे चूले बन्द होने की नोबत आ गई है, अतः पावरलूम के कारखाने तत्काल चालू होना चाहिए। ताज्जुब इस बात का है कि सरकार भाजपा की,सांसद भाजपा के,पूर्व मंत्री भाजपा की,फिर भी उन्हें रोज पत्र लिख लिख कर मांग ही करना पड़ रही है,ओर उन पत्रों के बदले सरकार उनकी एक भी बात मानने को तैय्यार नही है।
जिले की जनता अब इनके इस व्यवहार से भली भांति परिचित होने लगी है, भविष्य में इन नेताओ को चिट्ठीबाज नेताओ के नाम से जानने लगेंगे।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है की शिवराज सरकार भी लॉकडाउन के समय के बिजली बिल तत्काल माफ करे और नही करती है और बिजली बिल की जबरन वसूली करती हैं तो कांग्रेस पार्टी लॉकडाउन के बाद शिवराज सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर चरणबद्ध उग्र-आंदोलन करेगी।

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