खाद्य एवं औषधि व नापतौल विभाग की संयुक्त कार्यवाही
थांदला (कादर शेख) - जिला झाबुआ कलेक्टर प्रबल सिपाहा के निर्देशन में गठित टीम द्वारा थांदला नगर के मिठाई, आम रस विक्रेता, कुल्फी निर्माता, मेडिकल स्टोर्स एवं नमकीन निर्माता की दुकानों पर औचक कार्यवाही की गई। खाद्य एवं औषधि व नापतौल विभाग की संयुक्त कार्यवाही से नगर के खाद्य व्यापारियों में हड़कंप मच गया व कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बन्द कर गायब ही गये। झाबुआ जिला के नापतौल निरीक्षक कदम द्वारा एक मात्र नमकीन विक्रेता कृष्णा नमकीन के यहाँ पहुंच कर अमानक पैकिंग की स्थिति पाए जाने नमकीन के पैकेट जब्त कर प्रकरण बनाया गया। वही खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला झाबुआ के ड्रग इंस्पेक्टर कमल अहिरवार द्वारा भी नगर की विभिन्न मेडिकल ॐ साईं मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया जाकर पैरासिटामोल आदि मेडिसिन के नमूने लिए गए। टीम में उपस्थित खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज कुमार अंचल द्वारा साांवरिया रेस्टोरेंट, रामचंद्र जायसवाल, मैंगो महालक्ष्मी आइसक्रीम आदि सीजनल नये आम रस विक्रेताओं, रेस्टोरेंट एवं कुल्फी निर्माता के यहाँ अनियमितता की आशंका में मैंगो ड्रिंक, मावा बर्फी एवं बादाम शेक के नमूने लिये गए। खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा बर्फ निर्माताओं के लिए शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार अखाद्य बर्फ में ब्रिलियंट ब्लू रंग का उपयोग किया जाएगा, जिससे अखाद्य बर्फ का रंग नीला और खाद्य बर्फ का रंग सफेद अलग से पहचाना जा सकेगा, जिसके तारतम्य में थांदला में बर्फ निर्माता पवन बैरागी के यहां खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज कुमार अंचल एवं राहुल सिंह अलावा द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें निर्माता द्वारा ब्रिलियंट ब्लू रंग का उपयोग कर बर्फ निर्माण करना पाया गया है।
अधिकांश रेस्टोरेंट, मेडिकल स्टोर के साथ झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लिनिक बन्द कर भागे
खाद्य एवं औषधि विभाग तथा नापतौल विभाग की विभिन्न प्रतिष्ठानों की कार्यवाही की खबर कोरोना वायरस की तरह पूरे नगर में फैल गई जिसके चलते अधिकांश व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद करते देखे गए वही मेडिकल स्टोर के साथ झोलाछाप डॉक्टर भी अपने क्लिनिक बंद कर नो दो ग्यारह हो गए। अचानक हुए प्रतिष्ठान से लगता है नगर में अमानक स्तर की वस्तुओं का विक्रय बढ़ा है जिसपर प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
विभाग की कार्यवाही पर संदेह
बताया जाता है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पहले भी नगर के कई प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्यवाही कर खाद्य वस्तुओं के सेम्पल लिए गए थे लेकिन आज तक उन सेम्पल की रिपोर्ट भोपाल से आई या नही ज्ञात नही है वही कई स्थानों के सेम्पलिंग के बाद उनसे सौदेबाजी की खबरें भी जोरों पर है। हाल ही में बाजार में 100 से 140 रुपये किलों तक आम के दाम होने पर महज 10 रुपये में गाढ़ा आमरस का ग्लास कैसे दिया जा सकता है यह विचारणीय है लेकिन इनके सेम्पलिंग के बाद उच्चाधिकारियों द्वारा 20 से लेकर 50 हजार रुपये तक कि डिमांड की खबरें बाजारों में जोरों पर है अब इन खबरों में कितनी सच्चाई है यह जाँच का विषय हो सकता है लेकिन अभी तक वनांचल में इन विभागों द्वारा कोई बड़ी कार्यवाही नही हो पाई है इससे तो यह लगता है कि जिलें में सभी व्यापारी ईमानदारी से खाद्य सामग्री आदि बेच रहे है या फिर विभागीय अधिकारी मलाई खाकर आराम कर रहे है।
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