बोल बम कावड़ यात्रा संघ ने दुसरे वर्ष निकाली भव्य चुनरी यात्रा
पेटलावद (मनीष कुमट) - माॅॅ अम्बें की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्री पुरे अंचल में धुमधाम से मनाया जा रहा है। रविवार को माॅ जगदम्बें की स्थापना के साथ माता के भक्त तरह तरह से पुजा अर्चना वृत उपवास करके माता से आर्शिवाद ले रहे है। मंदिरों में भक्तों की लम्बी-लम्बी कतारें देखने को मिल रहीं है। हर भक्त अपनी अपनी सामर्थय अनुसार माता की भक्ति में लगा हुआ है। इसी क्रम में बुधवार को बोल बम कावड़ यात्रा संघ के तत्वाधान में नगर के निलकंठेश्वर महादेव मंदिर से प्रातः 9 बजें माता की भव्य चुनरी यात्रा का शुभारंभ पंडित पंकज दवें के द्वारा विधी विधान पूर्वक पुजन कर प्रारंभ की गई। दुसरे वर्ष निकाली गई इस चुनरी यात्रा में जुलुस के आगे 4 घुड सवार अपने हाथों में ध्वजा लेकर माॅ की अगवानी करते हुए चल रहे थें। ढोल, बेण्ड पर माताजी के भजनों के साथ जय मातादी का जय घोष करते हुए सेंकड़ों भक्तों की उपस्थिती में महिलाओं, बालिकाओं के द्वारा अपने हाथों में 91 मीटर की चुनरी लेकर चल रहीं थी। यह चुनरी यात्रा नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई निकली जिसका नगर के नागरिकों के द्वारा पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। यात्रा लगभग 4 किमी. दुर रायपूरिया-पेटलावद मार्ग पर स्थित प्राचिन माॅ भद्रकाली माता मंदिर पर पहुंची, जहां माता की चुनरी व यात्रा का स्वागत भद्रकाली माता के पुजारी दशरथ भारती के द्वारा पुजा अर्चना कर तीलक निकालकर किया गया। भक्तों के द्वारा भद्रकाली माता को चुनरी भेंट कर माता की 101 दिपकों से महा आरती उतारकर खीर व खिचड़ी प्रसादी का वितरण किया गया। यात्रा के दौरान भक्तजनों ने माॅ के प्रांगण में गरबा खेलकर नृत्य किया। इस चुनरी यात्रा ने पुरे नगर का माहोल धर्ममय कर दिया।
उल्लेखनिय है कि बोल बम कावड़ यात्रा संघ के द्वारा पं. नरेन्द्र नंदन दवें के नेतृत्व में पिछले 21 वर्षो से लगातार सावन माह में अनंतखेड़ी से उज्जैन तक कावड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता है। तथा इसी संगठन के द्वारा पिछले दो वर्षो से भव्य चुनरी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। चुनरी यात्रा की भव्य सफलता के लिए बोल बम कावड़ यात्रा संघ ने समस्त धर्मप्रेमी जनता का आभार व्यक्त किया है। इस अवसर पर क्षेत्रिय विधायक वालसिंग मैड़ा अपने कार्यकर्ताओं सहित विशेष रूप से उपस्थित थे साथ हीं विनोद पुरोहित, ललित भंडारी, नाना भाई मिस्त्री, दामु भाई मिस्त्री, पारस जैन, मांगीलाल दमामी, विट्ठल धानक, ताराचन्द्र राठौड़ आदि उपस्थित थे।
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