जल जंगल जमीन पर हो अधिकार | jal jangal zameen pr ho adhikar
जल जंगल जमीन पर हो अधिकार
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - सेक्टर वन 11 अगस्त रविवार शाम 3:00 बजे विश्व आदिवाशी दिवस के उपलक्ष मे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें हम आदिवासी-मूलवासी लोगों की दशा और दिशा की ईमानदारी से समीक्षा करें. ।हम यह देखें कि जो संवैधानिक अधिकार भारतीय संविधान ने हमें दिया है, इसे अपने समाज-राज्य और देश-हित में उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं. चाहे जल-जंगल-जमीन पर परंपरागत अधिकार हो, पांचवीं अनुसूची में वर्णित प्रावधान हो, ग्रामसभा का अधिकार हो, सीएनटी, एसपीटी एक्ट के प्रावधान हों, वन अधिकार कानून हो या फिर स्थानीय नीति के प्रावधान हों। इसका हमें चिंतन करना चाहिए और हमें अपने अधिकारों की जानकारी होना चाहिए। इस अवसर पर डॉ हेमंत हीरोले, देवनारायण 'मोहनराव वाकोडे' डावर सर गोविंद कटारे, जयप्रकाश खडसे, राजू मेहरा अजय निनावे आदि उपस्थित थे।
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