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सल्फास दे दो…’, मंत्री के गुस्से पर अधिकारी की बोलती बंद: पानीपत में हंगामेदार बैठक के बाद बिल्डरों और बैंक के 5 अधिकारियों को लिया गया हिरासत में Aajtak24 News |
पानीपत/हरियाणा - पानीपत में सोमवार को आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक उस समय चर्चा का केंद्र बन गई, जब हरियाणा के कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा ने अंसल सुशांत सिटी के डेवलपर्स की मनमानी से तंग लोगों की शिकायतें सुनीं। लोगों की व्यथा सुनकर मंत्री इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने डेवलपर कंपनी के अधिकारी राजेश राणा से कहा, "इनको सल्फास दे दो। इस पर कंपनी के अधिकारी राजेश राणा ने तुरंत जवाब दिया, "जी सर... दे रहा हूं आपको।" यह सुनते ही बैठक में मौजूद सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे। अपनी गलती का एहसास होते ही अधिकारी ने मंत्री से तुरंत माफी मांगी और कहा कि वह मंत्री की बात समझ नहीं पाए थे और यह बात गलती से उनके मुँह से निकल गई।
अंसल, पार्श्वनाथ और SBI के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
यह बैठक सिर्फ हंगामेदार ही नहीं, बल्कि एक्शन से भरी रही। मंत्री महिपाल ढांडा और चेयरमैन कृष्ण कुमार बेदी ने लोगों की शिकायतें सुनने के बाद अंसल सुशांत सिटी के दो अधिकारियों, पार्श्वनाथ सिटी के एक अधिकारी और बैंक लिमिट से जुड़े एक अन्य मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के दो अधिकारियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया। पुलिस ने सभी पाँच अधिकारियों को एक कोने में खड़ा कर दिया। बैठक खत्म होने के बाद, इन सभी को सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। इसके अलावा, टीडीआई सिटी के अधिकारियों को भी मंच से सख्त हिदायत दी गई। मंत्रियों ने साफ़ कहा कि अगली बैठक में अगर टीडीआई के मालिक नहीं आए, तो पुलिस भेजकर उन्हें बुलाया जाएगा।
बिजली चोरी पर भड़के मंत्री
पार्श्वनाथ सिटी से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता गुलशन कुमार ने मंत्री को बताया कि एमडी का मूड होने पर ही रजिस्ट्रियां और इंतकाल किए जाते हैं। उन्होंने यह भी शिकायत की कि बिजली कनेक्शन मांगने पर कंपनी के लोग कहते हैं, "कुंडी लगाकर तार ले जाओ। यह सुनकर मंत्री ने बिजली विभाग के एक्सईएन से पूछा, "क्या सारी एफआईआर मैं ही कराऊंगा? एक्सईएन साहब, इन पर बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज कराओ।" उन्होंने कहा कि बिजली का लोड तय होता है और इस तरह कुंडी नहीं लगवाई जा सकती।
रिफाइनरी के अधिकारी को भी दी गई चेतावनी
एक अन्य शिकायत (परिवाद नंबर 9) पर सुनवाई करते हुए मंत्री ने बाल जाटान गांव निवासी दिनेश कौशिक की शिकायत को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि नियमानुसार दिनेश की गाड़ी को 42 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से हायर किया जाना चाहिए। इस पर रिफाइनरी के प्रतिनिधि विवेक शर्मा ने नियमों का हवाला देते हुए 32 हजार रुपये देने की बात कही। यह सुनते ही मंत्री महिपाल ढांडा तैश में आ गए और बोले, "या तो बात मान लो, नहीं तो हिरासत में लिए जाने वालों के साथ जाकर खड़े हो जाओ।" उन्होंने एसपी से यहाँ तक कह दिया, "एसपी साहब, आज बस मंगवा लो। यह बैठक इस बात का संकेत थी कि सरकार जनता की शिकायतों को लेकर सख्त है और अधिकारियों व बिल्डरों की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।