साहब की गाड़ी छांव में और बैंक में आए ग्रामीण खड़े रहते हैं धूप में | Sahab ki gadi chhav main or bank main aye gramin khade rehte dhoop main

साहब की गाड़ी छांव में और  बैंक में आए ग्रामीण खड़े रहते हैं धूप में

साहब की गाड़ी छांव में और  बैंक में आए ग्रामीण खड़े रहते हैं धूप में

धामनोद (मुकेश सोडानी) - समीप ग्राम काली बावड़ी की नर्मदा झाबुआ बैंक में आए हुए आगंतुकों का शोषण हो रहा है आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र माने जाने वाला काली बावड़ी इन दिनों अधिकारियों की मनमर्जी की गिरफ्त में है ऐसा ही एक वाक्या सामने आया नर्मदा झाबुआ बैंक का जहां पर पदस्थ अधिकारी रोब झाड़ते हुए कड़ी धूप में आए हुए ग्राहकों के लिए लगाए गए टेंट का उपयोग अपने  निजी वाहन के लिए कर रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त बैंक में पदस्थ अधिकारी अपने निजी वाहन को टेंट के भीतर लगाते हैं तथा जो ग्रामीण लेनदेन करने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं वह कड़ी धूप में खड़े रहने पर मजबूर है नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा कई बार हो चुका है जब उपरोक्त विषय में अधिकारी से शिकायत की जाती है तो वह रोब झाड़ने लगते हैं परेशान ग्रामीण धूप से बचने के लिए अन्य जगह का सहारा ले रहे हैं लेकिन बैंक कर्मी अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रहे


 मजबूरी में एक ही कमरे में सभी लोग जाकर बैठ रहे हो रहा सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन


वहां पर स्थिति यह बन जाती की विकराल गर्मी में ग्रामीण परेशान है जब धूप में लगी गाड़ी को नहीं हटाया गया तो सभी ग्रामीण एक कमरे में जाकर बैठ रहे हैं इससे खुलेआम सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन हो रहा है जवाब दारो की अनदेखी के कारण ग्रामीण परेशान है सबसे प्रमुख बात तो यह है कि कालीबावड़ी जो कि आदिवासी बाहुल्य का प्रमुख व्यवसायिक गांव माना जाता है वहां इस तरह से  किए गए दुरुपयोग पर किसी प्रशासनिक अधिकारी की नजर भी नहीं पड़ रही है


यदि वहां पर ऐसा हो रहा है तो तत्काल कार्रवाई करने के लिए निर्देशित  करती हूं

 सोनिका सिंह 
नायब तहसीलदार

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