पुलिस ने तीसरी आंख की मदद से करी निगरानी | Police ne tisri ankh ki madad se kari nigrani

पुलिस ने तीसरी आंख की मदद से करी निगरानी

झाबुआ भगोरिये मे राजनैतिक दलो ने निकाली विशाल गैर

कोरोना वायरस के भय से मास्क लगाकर आये ग्रामीण

पुलिस ने तीसरी आंख की मदद से करी निगरानी

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ही संयोग से झाबुआ का भगोरिया हाट चरम उत्साह  के साथ ढोल मांदल की थाप पर थिरकते हुए हजारों पांवों के साथ उल्लास के साथ मनाया गया । दोपहर 12 बजे से ही झाबुआ नगर में अथाह भीड फिर एक बार अपना कीर्तिमान स्थापित किया । स्थानीय दिलीप क्लब मैदान से बस स्टेंड तक तथा बस स्टेंड से उत्कृष्ठ मैेदान तक पांव रखने की जगह नही दिखाई दी । रंग बिरंगे परिधानों में सज धज कर आई युवतियां एवं महिलाओं ने भगोरिया पर्व की रौनक मे चार चांद लगा दिये । इस भगोरिया पर्व में कोरोना वायरस को लेकर भी लोगों में जागृति दिखाई दी । कई युवक युवतियां सजे धजे होने के बावजूद मास्क लगाकर भगोरिया पर्व में दिखाई दिये। निश्चित ही यह कोरोना वायरस की भयावहता के बीच जनजाग्रति का संदेश दे रहा था। आदिवासी संस्कृति परम्परानुसार आदिवासियो ने इस बार परस्पर मिलने पर हाथ मिलाने की बजाय दोनो हाथ जोडकर प्रणाम करने के अभिवादन के प्रधानमंत्री के संदेश को भी मान्य किया। कई लोगो को हाथ जोडकर अभिवादन करते हुये देखा गया।  झाबुआ का भगोरिया होलीकोत्सव के भगोरिया पर्व के अंतिम चरण होने के कारण इसमें करीब 50 से 60 हजार लोगो ने पारम्परिक वेशभूषा एवं ढोल मांदल के साथ थिरकते हुये सहभागिता की। पुलिस प्रशासन ने भी भगोरिया में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये व्यापक प्रबंध किये तथा भगोरिया स्थल के पूर्व ही उन्होने बेरैटिंग करके यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिये दो पहिया के साथ ही चार पहिया वाहनो को भी नगर में प्रवेश नही करने दिया। वही सीसीटीवी के माध्यम से पुरे भगोरिये में चप्पे चप्पे पर निगरानी रखी गई। बावजूद इसके जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं वीआईपी लोग चार पहिया वाहनो में भगेारिया स्थल तक जाते आते दिखाई दिये। इस तरह वाहनो के प्रवेश को लेकर दोहरा मापदंड अपनाया गया।  स्थानीय उत्कृष्ट मैदान पर मेले का नजारा दिखाई दिया। करीब 50 से 60 झुले चकरियो में ग्रामीणो ने झुलो का आनंद लिया । पुरे मेला स्थल पर ढोल मांदल की थाप के साथ ही थिरकते पांवो ओर कुर्राटी मारते हुये युवाओ को उत्साहित एवं प्रफुल्लित होते हुये देखा गया। पान की दुकानो पर युवक युवतियां परस्पर पान खाते एवं खिलाते देखे गये। कुल्फी एवं ठंडाई का जमकर मेले में बिक्रा हुआ। वही श्रंगार सामग्री की दुकानो वस्त्रो की दुकानो के साथ ही मिठाईयां एवं नमकीन की दुकाने भी जमकर व्यापार करते हुये दिखाई दी। कई युवक युवतियो को हाथो पर टेटू बनवाते हुये देखा गया। वही मेले में आधा दर्जन से अधिक स्टूडियो में आदिवासी युवतियो ने अपने फोटो भी खिचवाएं। युवतियो को सजने सवरने के लिये चलित ब्यूटी पार्लर भी आकर्षण का केेन्द्र रहा। पुरे मेले में सिर्फ उल्लास ओर उत्साह ही दिखाई दिया। सांयकाल 6 बजे तक भगोरिये की रोनक अपनी छाप छोड गई। 

पुलिस ने तीसरी आंख की मदद से करी निगरानी

राजनीतिक दल भी भगोरिया पर्व में हमेशा की तरह गैर निकालने का कार्य किया। कांग्रेस की ओर से करीब 45 से 50 ढोल मांदल के साथ जिला कांग्रेस कार्यालय से विशाल गैर निकाली गई जो नगर के मुख्य मार्गो से होती हुई बस स्टैण्ड पर पहुची जहां कांग्रेस की पूर्व सांसद मिनाक्षी नटराजन झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया, जोबट विधायक कलावती भूरिया, शहडोल के विधायक के अलावा पूर्व विधायक जेवियर मेडा, हेमचंद डामोर, डाॅ विक्रांत भूरिया, रूपसिंह डामोर, प्रकांश रांका, प्रदेश कांग्रेस से आये अरविन्द जोशी, नपा अध्यक्ष मन्नू डोडियार, नपा के सभी कांग्रेस पार्षदगण, आचार्य नामदेव, हर्ष भट्ट, सहित बडी संख्या में अंचल के पंच सरपंच, तडवी ने ढोल बजाकर भगोरिया पर्व की सभी को बधाईया दी। 

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वही भारतीय जनता पार्टी ने भी इस भगोरिया पर्व को महिला दिवस होने से महिलाओ को समर्पित किया। ओर भाजपा की गैर का नेतृत्व महिला नेत्रियो ने किया। इस अवसर पर भाजपा ने सभी पदाधिकारियो कार्यकर्ताओ ओर 135 से अधिक आये ढोल के मुखियाओ का साफा बांधकर स्वागत किया। दिलीप क्लब मैदान पर भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा के अलावा पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, भाजयूमो अध्यक्ष भानू भूरिया, दौलत भावसार , मांगीलाल भूरिया, नाना राठौर, टूई के अलावा सोमसिंह सोंलंकी , कल्याणसिंह डामोर, अजय पोरवाल, योगेन्द्र नाहार, अंकुर पाठक, राजेन्द्र सोनी,राजा ठाकुर, माहेश्वरी, के अलावा श्रीमती निर्मला अजनार, सेवली परमार, विक्का वसुनिया, सायरा खान, रमीला निनामा, चेतना चैहान, अनिता पलासिया, सहित बडी संख्या में महिलाओ ने दिलीप क्लब प्रांगण में ढोल मांदल की थाप पर परम्परागत भगोरिया नृत्य कर महिला दिवस को साकार किया। भाजपा महिला मोर्चे की ओर से महिलाओ ने महिला मिलन का कार्यक्रम भी आयोजित किया। भाजपा की गैर दिलीप क्लब से प्रारंभ होकर थांदला गेट होती हुई रूनवाल बाजार से राजवाडा चैक, होकर मेन रोड से होकर बस स्टैण्ड होते हुये दिलीप क्लब परिसर सांयकाल 5.30 बजे समापन हुई। 

पुलिस ने तीसरी आंख की मदद से करी निगरानी

भगोरिया मेले में कई विदेशी सैलानी भी यहा की पुरातन संस्कृति को कैमरे मे केद करते हुये नजर आये। मेले में व्यापारियो के अलावा खिलौनो की दुकान एवं शक्कर से बनी माजम मिठाई की बिक्री भी खुब हुई। एक मोटे अनुमान के अनुसार भगोरिया मेले में करीब 2 करोड से अधिक का व्यापार झाबुआ मुख्यालय के भगोरिये में होने की बात बताई जा रही है। 

राजनीतिक पार्टीया पिछले तीन दशक से अधिक समय से भगोरिया का उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिये करती रही है। भगोरिया वह माध्यम है जिसमें नेतागण दूर दराज के गा्रमीणो से रूबरू होते है।एवं अपना संपर्क बनाकर पार्टीयो के धरातल को मजबूत करने का काम करते है। अनुमन एक मोटे अंदाज के अनुसार भगोरिया मे शिरकत करने वाले ढोल मांदल की हर टीम को साफा बांधकर सम्मानित करने के अलावा उनके लिये शराब का प्रबंध तथा हर ढोल टीम को नगदी राशि भी दी जाती है। इस प्रकार एक भगोरिया में राजनीतिक दल को सब खर्चे मिलाकर करीब एक से सवा लाख तक का खर्चा होता है। जो भी हो आदिवासी परम्परा का उल्लास पर्व एवं जिले की सांस्कृतिक थांति भगेारिया पर्व हर वर्ष अपनी यादगार छोडकर अगले भगोरिये के इंतजार को प्रारंभ कर देता है।

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