नियम कायदों को ताक पर, लाखो के डेम निर्माण में धांधली
मजदूरी मुलक कार्यो में ले रहे मशीनों से कार्य
आमला (रोहित दुबे) - कोरेना संकट लॉक डाउन में मजदूरों की बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए शासन द्वारा मजदूरी मूलक कार्य ,मनरेगा के कार्य शुरू करवाए गए ।लेकिन वही ब्लाक के कुछ विभाग के अधिकारी गरीब मजदूरों की मजदूरी राशि पर डाका डाल मशीनों से कार्य करवाए जा रहे है ।ब्लाक के ग्राम रैयत पस्तलई में आर ई एस विभाग द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से तालाब निर्माण करवाया जा रहा है ।लेकिन यह कार्य मनरेगा अंतर्गत है जिसमे मजदूरों से ही तालाब निर्माण करवाया जाना था ।वही सूत्रों की अगर की माने डेम का कार्य ठेका किसी नेताजी को दे दिया गया है जो अपने हिसाब से करवा रहा है ।गौरतलब होगा कि डेम का काम 2012 से स्वीकृत है और फिलहाल कार्य शुरू हुए लगभग 10 दिन हो गए है ।जिसमे मजदूरों का कहि अता पता नही है लेकिन कागज में बकायदा मजदूरी राशि गबन करने फर्जी मजदूरों के नाम चलाए जा रहे है ।वही बारिश को भी कम समय बचा है ऐसे जिस हिसाब से कार्य मे लाखो का भुगतान निकल गया है और आगे भी जो लाखो खर्च की राशि है उक्त राशि को भी पलिता लग जाएगा।
,,,,तालाब निर्माण में हो रहा भारी भ्रष्टाचार ,,,,,
रैयत पस्तलई में अधिकारीयो की मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार किया जा है जहाँ मजदूरों का कार्य जे सी बी मशीनों से करवाया जा रहा है ।वही तालाब की सी ओ टी मात्र 2 फिट ही खोदी गई है ।जबकि सी ओ टी 5 फिट गहरी व 15 फिट चौड़ी होनी चाहिए थी ।सी ओ टी पर 5 से 6 डम्फर काली मिट्टी डालकर ओपचारिकता निभा दी गई ।ग्रामीणों की माने तो पिछले वर्ष भी बारिश के कुछ दिनों पहले बुम्ब पटल पर मटेरियल डाला गया था जो बारिश में बह गया था ।इस बार भी बारिश के पहले कार्य शुरू करवाकर तालाब के नाम पर खर्च की जा रही राशि का बारिश में बंटाधार हो जाएगा ।
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