ऑनलाइन काव्य गोष्ठी की पहल नगर के कवि कैलाश सिंघल ने की | Online kavya goshthi ki pahal nagar ke kavi

ऑनलाइन काव्य गोष्ठी की पहल नगर के कवि कैलाश सिंघल ने की

ऑनलाइन काव्य गोष्ठी की पहल नगर के कवि कैलाश सिंघल ने की

धामनोद (मुकेश सोडानी) - कोरोना संक्रमण काल मे क्षेत्र की काव्य प्रेमी महफ़िल द्वारा श्री एस एन गोयल सी ए इंदौर की प्रेरणा से काव्य मर्मज्ञ व काव्य प्रेमी महफ़िल के जनक कैलाश सिंघल के संचालन में विगत एक माह से आन लाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन  रात्रि 10 बजे से रात्रि 1 बजे तक अनवरत जारी है जिसमे क्षेत्र के काव्य प्रेमियों के साथ ही देश के ख्याति नाम कवि अपनी प्रस्तुतियों से हिंदी काव्य मंच को ऊंचाइयां प्रदान कर रहे है आन लाइन काव्य गोष्ठी  में हिंदी काव्य मंच के सर्वश्रेष्ठ कवियों व कवियित्रियो ने मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर अपनी श्रेष्ठ रचनाएं तो सुनाई ही अपितु अपने आशीष देकर प्रोत्साहित भी किया अभी तक गोष्ठी में क्रमशः शशिकांत यादव देवास,डॉ सीता सागर लखनऊ,डॉ विष्णु सक्सेना अलीगढ़,डॉ कीर्ति काले दिल्ली,रमेश शर्मा चित्तौड़गढ़,डॉ अनु सपन भोपाल,मदन मोहन समर भोपाल,अशोक भाटी उज्जैन ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर महफ़िल परिवार को गौरवान्वित किया सम्भवतः इतनी लंबी अवधि तक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का यह अनूठा प्रयोग है वैसे उक्त काव्य प्रेमी महफ़िल विगत चार वर्षों से वाट्सअप के माध्यम से हिंदी काव्य को ऊंचाइयां देता आ रहा है काव्य गोष्ठी में प्रतिदिन कैलाश सिंघल के संचालन में  डॉ रवि बंसल उज्जैन ,हेमन्त बोर्डिया धामनोद ,रागिनी स्वर्णकार शर्मा इंदौर,जयश्री चांडक हरदा,अर्पणा तिवारी इंदौर, सूर्यप्रकाश दीक्षित राजसमन्द(राज.),प्रमोद सनाढ्य नाथद्वारा, ,सुधा मोदी तरु ,बिंदु त्रिपाठी भोपाल, वंदना दुबे धार,नमिता राकेश दिल्ली, रश्मि शर्मा इंदु जयपुर ,विजय शर्मा खलघाट ,मनोज जैन ,मोना ठाकुर इंदौर ,मुकेश मौलवा इंदौर,नवीन नाहर देवास आदि अपनी प्रस्तुतियां दी रहे है उक्त जानकारी देते हुए महफ़िल परिवार के शैलेन्द्र दवे ने बताया कि अरविंद पांडेय ,राधेश्याम शर्मा आदि हौसला अफजाई में देर रात तक रसिक के रूप में उपस्थित रहते है बताया गया कि उपरोक्त ऑनलाइन काव्य गोष्ठी की शुरुआत धामनोद नगर के कवि  कैलाश सिंघल के द्वारा ही की गई थी उपरोक्त काव्य गोष्ठी में अब प्रदेश के साथ-साथ देश के विख्यात कवि भी शामिल हो रहे हैं अब देश के साथ साथ मलेशिया और अन्य देशों के काव्य प्रेमी लोग भी इस व्याख्या  में जुड़ रहे हैं।

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